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भयानक राजनीतिक षडयंत्र संपादकीय

निजी अनुभवों की सांझ-3

जी हां! अपने प्यारे देश में ‘कमीशन’ ने सिद्घांतों का सौदा कर दिया है। इस ‘कमीशन’ के लिए अब तो समय आ गया है कि जब इसे भगवान मानकर इसकी आरती उतारी जाए। जिधर देखता हूं बस! उधर तू ही तू है। कि हर शय में जलवा तेरा हू ब हू है।। ‘कमीशन’ की इस […]

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