मनमोहन आर्य वैदिक धर्म एक जीवन पद्धति है जो कि आघुनिक जीवन पद्धति से कुछ समानता रखने के साथ कुछ व कई बातों में इसके विपरीत भी है। अतः इन दोनों जीवन पद्धतियों में कौन सी पद्धति मनुष्यों के लिए श्रेयस्कर और श्रेष्ठ है और कौन सी नहीं है, इस पर विचार करना इस लिए […]
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मनमोहन सिंह आर्य मनुष्य की आत्मा के अल्पज्ञ होने के कारण इसके साथ अविद्या अनादि काल से जुड़ी हुई है। इसका एक कारण जीवात्मा का एकदेशी, ससीम, राग-द्वेष व जन्म-मरणधर्मा आदि होना भी है। ईश्वर सर्वव्यापक, निराकार, सर्वान्तर्यामी एवं सर्वज्ञ है। सर्वज्ञ का तात्पर्य है कि वह जानने योग्य सब कुछ जानता है। वह जीवों […]