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विकास की अंधी दौड से, प्रकृति का नाश संभव

ओम प्रकाश  प्रकृति के अवरोध कुछ तत्वों के अपनी मौलिक अवस्था में न रहने और विकृत हो जाने से प्रकट होता है। इन तत्वों में प्रमुख हैं जल, वायु, मिट्टी आदि है। पर्यावरणीय समस्याओं से मनुष्य और अन्य जीवधारियों को अपना सामान्य जीवन जीने में कठिनाई होनी है और कई बार जीवन-मरण का सवाल पैदा […]

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