हमारे देश में प्रजातंत्र की मजबूत जड़ों के होने की बात अक्सर कही जाती है, पर जब हम उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीति की वर्तमान दुर्दशा के चित्रों को बार-बार घटित होते देखते हैं, तो यह विश्वास नहीं होता कि भारत में प्रजातंत्र की गहरी जड़ें हैं। उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों को कुछ […]
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बाल मुकुंद ओझा आम आदमी आजकल सर्वत्र चर्चा में है। राजनीतिक दलों के लिए आम आदमी शब्द की अपनी व्याख्या है। नेता लोग गाहे-बगाहे आम आदमी पर भाषण झाड़ते रहते हैं। चुनाव के दिनों में आम आदमी सबका प्रिय हो जाता है, सबको उसकी फिक्र सताने लगती है! सत्तारूढ़ दल जहां आम आदमी के विकास […]
डॉ.वेदप्रताप वैदिक गोमांस खाने के शक को लेकर मोहम्मद इखलाक की जो हत्या हुई है, उसकी भत्र्सना पूरे देश ने की है लेकिन फिर भी क्या कारण है कि इस मुद्दे पर देश में बेहद कटु और ओछी बहस चल पड़ी है? सिर्फ नेताओं ही नहीं, बुद्धिजीवियों में भी आरोपों-प्रत्यारोपों की बाढ़-सी आ गई है। […]
तारकेश कुमार ओझा उस रोज न्यूज चैनल्स पर बिहार विधानसभा चुनाव का टिकट पाने से वंचित रह गए उस बुजुर्ग को फूट- फूट कर रोते देखना एक विचित्र अनुभव रहा। वह बुजुर्ग किसी के पैरों में गिर कर मिन्नतें करने से भी गुरेज नहीं कर रहा था उसके मुंह से बार – बार निकल रहा […]
मृत्युंजय दीक्षित 12 सितम्बर 2015 के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ओर अत्यंत ऐतिहासिक निर्णय सुनाया जिसके बाद प्रदेश में निुयक्त किये गये 1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रदद कर दिया । शिक्षामित्रों का समायोजन रदद हो जाने के बाद प्रदेशभर के शिक्षामित्र आक्राेिशत हो रहे हैं। अनेक शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली है जबकि […]
सुरेश हिंदुस्थानी बिहार में चल रहे राजनीतिक घमासान में एक तरफ बेमेल जुगलबंदी राज्य की सत्ता प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह ही अपनी भाषण शैली के माध्यम से जनता को खींचने का प्रयास कर रहे हैं। बिहार में मोदी का […]
डा. राजीव बिंदल मोदी ने वन रैंक, वन पेंशन दी है, यह ऐतिहासिक सत्य है। नरेंद्र मोदी को इसके लिए सब ओर से खुली बधाई मिलनी चाहिए। कांग्रेस के तमाम नेताओं को इसका बढ़-चढक़र स्वागत करना चाहिए और इस पर राजनीति बंद होनी चाहिए। आखिरकार यह हमारी सेनाओं के मनोबल का भी सवाल हैज्1947 में […]
सुरेश हिन्दुस्थानी बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए राजनीतिक करवट बदलने का जोरदार अभियान प्रारम्भ हो गया है। इसकी राजनीतिक परिणति किस रूप में सामने आएगी, अभी ऐसा दृश्य दिखाई नहीं दे रहा, लेकिन इतना जरूर है कि राजनीतिक धुरंधरों के लिए प्रतिष्ठा बन चुका यह चुनावी समर राजनीतिक भविष्य […]
मृत्युंजय दीक्षित भारतीय राजनीति वाकई में बहुत ही कलरफुल हो गयी है। इस देश में अब ऐसा कोई भी मुददा नही बच रहा है जोकि तुष्टीकरण की राजनीति की भेंट न चढ जाये। नई दिल्ली नगर महापालिका ने औरंगजेब रोड का नाम पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न स्व. डा. ए पी जे अब्दुल कलाम क्या रख दिया […]
जब 1947 में मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बन गया था तो यह कहना कि आज हिन्दुओं से ही भारत है, अनुचित नहीं होगा।भारत है तो हिन्दू है और हिन्दू है तो भारत है व तभी भारतीय जनता पार्टी है ।अतः धर्म से ऊपर उठ कर पार्टी की बात करना बेमानी है। जिस देश में जातियों […]