जिसमें है कान्हा की यादें व्रज की गउओं का दुलार,कदम्ब पेंड वंशी की धुन राधा का अनुपम सा प्यार,बछड़ों का मोहक क्रीड़ापन फैला जहाँ कछारों में,और कदम्ब के वृक्ष किनारे फैले जहाँ हजारों में,प्रेमसुधा की चातक गोपी जहाँ आय इठलाती थीं,राधा रानी संग कन्हैया के जहँ रास रचाती थीं,स्वच्छ चाँदनी के खिलने पर आती मधुर […]