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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

मथुरा नरेश कुलचंद का वो अप्रितम बलिदान

बात सन 986-987 की है। भारत पर उस समय आक्रमण करने की एक श्रंखला को महमूद गजनवी अभी आरंभ कर नही पाया था। तब प्रतीहार वंश भारत में पतनोन्मुख हो चला था, यद्यपि यह वंश भारत के लिए बहुत ही गौरव प्रदान कराने वाला रहा था। ऐसा गौरव जिसे देखकर इतिहासकारों की मान्यता बनी कि […]

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