भारत के साथ सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि इसका इतिहास जो आज विद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है वह इसका वास्तविक इतिहास नहीं है। यह इतिहास विदेशियों के द्वारा हम पर लादा गया एक जबर्दस्ती का सौदा है और उन विदेशी लेखकों व शासकों के द्वारा लिखा अथवा लिखवाया गया है जो बलात् हम […]
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हम सभी चोर हैं?
भारतवर्ष में अंग्रेजों का शासन चाहे जितनी देर रहा हो उसके दिये गये कुसंस्कार और कुपरम्पराएं हमारा पीछा आज तक कर रही हैं। हम जब तक इन कुसंस्कारों से या कुपरम्पराओं से मुक्त नहीं हो जाते हैं, तब तक हम चाहे कितने ही स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस मना लें तब तक हम अपने आपको […]
भारत में मानवाधिकार आयोग, भाग-3 हमारा मानना है कि शूद्र अछूत तब नहीं बना कि जब उसके अधिकार छीन लिये गये, अपितु वह अछूत तब बना जब अधिकार छीनने वाला वर्ग कत्र्तव्यच्युत हो गया। उस वर्ग का कत्र्तव्य शूद्र के अधिकारों का संरक्षण था न कि उनका भक्षण या हनन। यदि वह अपने कत्र्तव्य के […]
भारत में मानवाधिकार आयोग, भाग-2
अधिकार मानवों के लिए होते हैं दानवों के लिए नहीं भारत में अब स्थिति और भी दु:खपूर्ण मोड़ ले रही है। यहां लुटेरों, हत्यारों, आतंकवादियों, बलात्कारियों और समाज के दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों के अधिकारों के लिए भी आवाजें उठ रही हैं। मानवाधिकारवादी फांसी की सजा का विरोध कर रहे हैं, वे आततायी और दुष्ट […]
भारत लोकतंत्र की जन्मस्थली है। आज का ब्रिटेन और अमेरीका तो भारत के लोकतंत्र की परछाईं मात्र भी नहीं है। हमारे ‘शतपथ ब्राह्मणादि ग्रंथों’ में राजनीतिशास्त्रियों के लिए कई बातें अनुकरणीय रूप से उपलब्ध हैं। ‘शतपथ ब्राह्मण’ में राजकीय परिवार के लोगों के राजनीतिक अनुभवों से देश को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इस परिवार […]
भारत की सेना का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है और इसका कारण यह है कि भारत ही विश्व का वह प्राचीनतम और पहला देश है जिसने जीवन को उन्नति में ढालने के लिए सर्वप्रथम सैन्य विज्ञान की उत्कृष्टतम खोज की। शेष विश्व तो यह आज तक भी समझ नहीं पाया कि सैन्य विज्ञान क्या होता है? […]
जब चीन को हराया था भारत ने
भारत के प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता संभालने के बाद से चीन के हृदय की धडक़नें कुछ अधिक ही बढ़ी हुई हैं। अब भारत ने अपनी सीमाओं की रक्षा करना सीख लिया है, बस यही कारण है जो कि चीन को फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। अब चीन हमें 1962 के युद्ध जैसे परिणामों की […]
भारत के विश्व स्तर पर बढ़ते सम्मान को देखकर भारत के दो प्रकार के शत्रुओं के पेट में दर्द हो रहा है। इनमें से एक बाहरी शत्रु हैं तो दूसरे भीतरी शत्रु हैं। बाहरी शत्रुओं में सर्वप्रमुख पाकिस्तान और चीन हैं, जबकि भीतरी शत्रुओं में भारत के भीतर बैठे पाक-चीन समर्थक तो हैं ही साथ […]
पश्चिमी देशों ने भोग के रोग से मुक्ति पाने हेतु भारत के योग को अपनाना आरंभ कर दिया है-इस संकेत से हमें उत्साहित होना चाहिए। हमें मानना चाहिए कि हमारी ग्राहयता यदि कहीं बढ़ रही है, तो निश्चित रूप से कुछ ऐसा हमारे पास है जो उनकी दृष्टि में अनमोल है। हमारी दृष्टि में यह […]
हम उस देश के वासी हैं
भारत के गौरव पर प्रकाश डालते हुए मैक्समूलर ने अपनी पुस्तक ‘इंडिया व्हाट कैन इज टीच अस’ में लिखा है-”यदि मैं विश्वभर में से उस देश को ढूंढने के लिए चारों दिशाओं में आंखें उठाकर देखूं जिस पर प्रकृति देवी ने अपना संपूर्ण वैभव, पराक्रम तथा सौंदर्य खुले हाथों लुटाकर उसे पृथ्वी का स्वर्ग बना […]