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विशेष संपादकीय

नारी अपना ‘बुद्घक्षेत्र’ स्वयं खोजे

एक समाचार पत्र में एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था के नये सत्र में प्रवेश लेने हेतु संस्था का विज्ञापन छपा है जिस पर ऊपर की ओर एक लडक़ी का चित्र विज्ञापन के अंदाज में छपा है। देखने से ही लगता है कि इस लडक़ी को केवल आकर्षण के लिए बैठा दिया गया है, उसका शिक्षा, शिक्षा-जगत […]

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