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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

स्वधर्म और स्वराज्य के उपासक दुर्गादास और उनके साथी

आमेर, उदयपुर और जोधपुर की एकता बादशाह औरंगजेब मर गया तो उसके दुर्बल उत्तराधिकारियों में परस्पर उत्तराधिकार का युद्घ हुआ, जिससे मुगल बादशाहत दुर्बल हुई। इस दुर्बलता का लाभ उठाने के लिए लड़खड़ाते मुगल साम्राज्य में दो लात मारकर उसे नष्ट करने के लिए ‘हिंदू शक्ति’ के संगठन को सुदृढ़ता देने के लिए आमेर, उदयपुर […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

दुर्गादास और महाराजा अजीतसिंह के लिए पौ फट गयी

पकड़ी दक्षिण की राह मेवाड़ के महाराणा की शिथिलता से राष्ट्रीय आंदोलन की गति पर विपरीत प्रभाव पड़ा। मेवाड़ से और वहां के महाराणा से मिलने वाली निराशा की क्षतिपूर्ति के लिए लोगों ने दक्षिण की ओर देखना आरंभ किया। फलस्वरूप शाहजादा अकबर और दुर्गादास राठौर शिवाजी के पुत्र शम्भाजी के राज्य के लिए चल […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

दुर्गादास और जयसिंह ने उड़ा दी थी बादशाह औरंगजेब की नींद

जीवित रहने के लिए हम ही सबसे योग्य थे वीर सावरकर ने एक लेख में लिखा था-”हिंदुओं! अपना राष्ट्र गत दो हजार ऐतिहासिक वर्षों तक जो जीवित रह सका, ऐसा जो कहते हैं वे मूर्ख तथा लुच्चे हैं। हम जीवित रहे क्योंकि जीवित रहने के लिए हम ही सबसे योग्य थे। उन परिस्थितियों से जूझने […]

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