प्रो. राजेन्द्र सिंह विगत एक सहस्र वर्ष से भारतवर्ष को वह बनाने की निरंतर चेष्टा की जा रही है जो इस सर्व प्राचीन राष्ट्र की सहज प्रकृति से कतई मेल नही खाता। विदेशी आक्रांता शासकों ने इस देश के मूलभूत स्वरूप को मिटाने के लिए बृहद हिंदू समाज पर अनगिनत अत्याचार किये थे। समय पाकर […]