डॉ.शशि तिवारी नकल असल जैसा, वैसा होने का एक और जहां भ्रम पैदा करता है वहीं दूसरी ओर अनुकरण न केवल गुलामी पैदा करता है बल्कि अपने असल होने के अस्तित्व केा भी नकारता है। इस तरह की जद्दोज़हद किसी को भी मंजिल पर न पहुंचा केवल भटकाव को ही पैदा करती है। नकल अन्धत्व […]
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डॉ. शशि तिवारी भारत में जितने भी धर्मशास्त्र है सभी मानने पर कम एवं जानने पर ज्यादा जोर देते आये है फिर बात चाहे वेद-पुरान गीता की हो, बाइबिल की हो, कुरान की हो या अन्य की राम से रहीम, कृष्ण से पैगम्बर, जीसस से नानक एवं अन्य लोगों ने भी स्वयं वो जानने पर […]