महाभारत में भीष्म पितामह युधिष्ठिर से कहते हैं :-”जो राजा सदा प्रजा के पालन में तत्पर रहता है, उसे कभी हानि नही उठानी पड़ती। भरत नंदन! तुम्हें तर्कशास्त्र और शब्दशास्त्र दोनों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। गांधर्व शास्त्र (संगीत) और समस्त कलाओं का ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। तुम्हें प्रतिदिन ब्राह्मण ग्रंथ, इतिहास, उपाख्यान तथा […]