राजगृह का बौद्ध बिहार उन दिनों तरुणी परिव्राजिका कुंडलकेशा के पांडित्य और सारिपुत्र की उत्कृष्ट योग-साधना की चर्चा का केंद्र बना हुआ था। रोज हजारों जिज्ञासु आते और कुंडलकेशा से समाधान प्राप्त करते जबकि सारिपुत्र आत्म-शोध के लिए नितांत एकाकी जीवन-यापन को ही महत्व दे रहे थे। उनका एकाकीपन भंग किया कुंडलकेशा ने। एक ओर […]
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अशोक प्रवृद्ध भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्वदपूर्ण कथा गंगावतरण, जिसके द्वारा भारतवर्ष की धरती पवित्र हुई, में इक्ष्वाकु वंशीय दिलीप के पुत्र भगीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने गंगा की धारा को देवलोक से भूलोक में गिरते समय अपनी जटा में सम्भालने के लिए हामी भर दी । तब ब्रह्मा के […]
गौ गंगा और गायत्री की, महिमा जिनने जानीसमझो सफल है उनकी, यह पावन जिंदगानी माँ सम दे वात्सल्य गाय, अरु देय सुधा सम नीरजो सेवन नित इसका करे, होय विविध बहु वीर सकल सिद्धि दाता गौ-माता, वेदन यही बखानीतुलसी व्यास कबीर सूर, सबकी ये अमृत वानी भला माँ गंगे की महिमा, सकें कौन कवि गायजग […]