हम पेशावर या अन्य कही पर हुए आतंकवादी आक्रमणों को कब तक आपके समाचार पत्रो में छपे लेखो “दहला देने वाला हमला” , “पागलपन की पराकाष्ठा”, “आतंक का कहर” ,”मानवता के हत्यारे ” “इंसानियत के दुश्मन”आदि आदि को पढ़ कर इसके वीभत्स चेहरे को कोसते रहेंगे ? इसकी जड़ो मे जाकर इसको समझ कर समाज […]
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