– कल्पना डिण्डोर लक्ष्मी पाने के फेर में हम सदियों से कुछ न कुछ करते ही आ रहे हैं। सदियों पहले उतना धूमधड़ाका नहीं था। पटाखों का शोर नहीं था, माईक दानवों का अस्तित्व तक भी नहीं। श्रद्धालु आराम से लक्ष्मी मैया की पूजा-अर्चना करते, और लक्ष्मी मैया भी पूरी उदारता के साथ वह सब […]