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यह कैसी उन्नति?

बनाता है योजना क्यों, आज भी विनाश की? बात करता शांति की, तैयारी है जंग की।चिंता कभी हुई नही, भूखे नंगे अंग की। गोली पर तू खर्च करता, भाई झपट रहे रोटी पर।शरमाता नही, हंसता कहता, मैं हूं उन्नत की चोटी पर। टोही उपग्रह और मिजाइल, किसके लिए लगाता है?बच नही पाएगा वो भी, जो […]

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