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साक्षात्‍कार

कदम-कदम बढ़ते रहो, मंजिल खुद तुम्हारा इस्तकबाल करेगी

राष्ट्र जागरण के पुरोधा कवि मासूम गाजियाबादी जी से ‘उगता भारत’ की एक विशेष बातचीत जो लोग इस (नीचे Photo में) शेर से परिचित है, वो इसके शायर से भी परीचित होंगे। एक आम आदमी की संवेदना को इतनी बारीकी से उकेरने वाली वह कलम सचमुच किसी परिचय की मुंहताज नही है, जिसे लोग मासूम गाजियाबादी […]

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