राह बदल दी नदियों की, कर बांधों का निर्माण।चट्टानों में सुरंग बना दी, जो खड़ी थी सीना तान। की हरियाली उन क्षेत्रों में, जो कभी थे रेगिस्तान।नये बीज और यंत्रों द्वारा, आयी हरित क्रांति महान। आकाश से बातें करने वाले, ऊंचे महल बनाये।सागर सीना चीरने वाले, दु्रतगामी जलयान बनाए। जो नभ की ढूढ़ें गहराई, ऐसे […]
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आणविक अस्त्रों का संग्रह कर, अंतरिक्ष भंडार बनाया।राकेटों में मौत बंदकर, सिर के ऊपर लटकाया। किंतु कराहती मानवता ने, धीरे से यह फरमाया।वरदान कहा करते थे तुझे, किसने अभिशाप बनाया? प्रकृति के गूढ़ रहस्यों का, तो तुमने पता लगाया।किंतु मानव-हृदय गह्वर को, तू भी माप नही पाया। जिसने तेरे उज्ज्वल मस्तक पर, ये काला दाग […]