(9 अगस्त:- विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में) निर्भय कुमार कर्ण जल, जंगल और जमीन से जानने-पहचानने वाले आदिवासी दुनियाभर में हैं लेकिन अब उनका अस्तित्व खतरे में है। न केवल संस्कृति, रहन-सहन यहां तक कि भाषा में भी बदलाव आने लगा है जिससे उनकी पहचान आगामी वर्षों में मिटने की संभावनाएं दिख रही है। […]