सम्राट चंद्रगुप्त ने एक दिन अपने प्रतिभाशाली मंत्री चाणक्य से एक दिन कहा- “कितना अच्छा होता कि तुम अगर सुंदर भी होते।“ चाणक्य ने कुशलता पूर्वक उत्तर दिया, “महाराज रूप तो मृगतृष्णा है। आदमी की पहचान तो गुण और बुद्धि से ही होती है, रूप से नहीं।“ “क्या कोई ऐसा उदाहरण है जहाँ गुण के […]
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