आंसू और आहें बनेंगी, एक दिन तूफान।कुर्सी, कार कोठी, बंगले, नही रहेंगे आलीशान। चूर-चूर हो जाएगा, तेरा झूठा अभिमान।हैवानियत का हो नशा दूर, तू बन जाए इंसान। निशिदिन होता न्याय प्रभु का, समझते बुद्घिमान।धराशायी कर दिये आहों ने, कितने ही धनवान। किसका साथ दिया है धन ने, किसका साथ निभाएगा?ये साधन हैं साध्य नही, यही […]