पुण्य प्रसून वाजपेयी जेपी के बाद अन्ना आंदोलन ने ही सत्ता की धड़कनें बढ़ायी। और दो बरस में ही सत्ता के दरवाजे पर जेपी के आंदोलनकारी रेंगते और आपस में झगड़ते दिखायी दिये थे। वहीं दो बरस के भीतर ही अन्ना के सिपहसलार राजनीतिक सत्ता की दो धाराओं में बंट भी गये। तो क्या देश […]
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