आजकल अपने लोगों को अपनी बातें कहने के लिए अपने लोग नाकाफी या नाकाबिल दिखने लगे हैं। हम न अपने लोगों के पास रहना चाहते हैं, न अपने लोगों को सुनना चाहते हैं। जो अपने हैं उनके सुख-दुःखों में न हिस्सा बँटाना चाहते हैं, न किसी के काम ही आना चाहते हैं। हमें न अपने […]
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