Categories
विविधा

विश्व शांति एवं समृद्धि के लिए हिंदुओं को एक करने का प्रयास करता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

प्रह्लाद सबनानी वैश्विक स्तर पर आज कुछ देशों के बीच प्रत्यक्ष युद्ध चल रहा है (रूस – यूक्रेन के बीच एवं इजराईल – हम्मास के बीच) तो कुछ देशों की बीच शीत युद्ध की स्थिति निर्मित होती दिखाई दे रहे है (ईरान – इजराईल के बीच, रूस – यूरोपीयन देशों के बीच, अमेरिका – हूतियों […]

Categories
पर्यावरण

भारत में गर्मी का जल्दी आना और लू का बढ़ना

डॉ. सत्यवान सौरभ बढ़ते तापमान से कृषि, जल संकट, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। फरवरी में असामान्य रूप से अधिक गर्मी, रात के तापमान में वृद्धि, समुद्री तापमान का असर और शहरी हीट आइलैंड प्रभाव इस समस्या को और गंभीर बना रहे हैं। इसका असर शिक्षा, श्रम उत्पादकता और खाद्य […]

Categories
स्वास्थ्य

शरीर को सदा स्वस्थ तथा बलवान् बनाने के अचूक उपाय

मनमोहन कुमार आर्य आचार्य भद्रसेन जी, अजमेर (1900-1975) वैदिक साहित्य तथा येाग के उच्च कोटि के विद्वान एवं प्रचारक थे। आपने अनेक पुस्तकें लिखी हैं। आपकी एक प्रसिद्ध पुस्तक ‘योग एवं स्वास्थ्य’ है। इस पुस्तक के कई संस्करण प्रकाशित हुए हैं। इसका एक संस्करण सन् 1998 में वैदिक साहित्य के प्रसिद्ध प्रकाशक ‘विजयकुमार गोविन्दराम हासानन्द, […]

Categories
आर्य समाज धर्म-अध्यात्म

नव-सम्वत्सर अर्थात् नववर्ष आरम्भ, आर्यसमाज स्थापना दिवस एवं रामनवमी वैदिक धर्मियों के तीन महनीय पर्व

मनमोहन कुमार आर्य रविवार दिनांक 30 मार्च, 2025 को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है। इसी दिन से विक्रमी सम्वत्सर 2082 तथा वेद और सृष्टि सम्वत्सर 1,96,08,53,126 का आरम्भ हो रहा है। जिस प्रकार हम अपने जन्म दिवस एवं महत्वपूर्ण पर्वों को मनाते हैं उसी प्रकार से इस दिवस को भी आर्य पर्व के रूप में मनाया […]

Categories
इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय 11

डॉ राकेश कुमार आर्य (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से … वर्ण-व्यवस्था का आधार रूप रंग था? पंडित जवाहरलाल नेहरू ने वर्ण-व्यवस्था को रूप रंग का आधार प्रदान किया। वर्ण-व्यवस्था की वैज्ञानिकता को वह समझ नहीं पाए। उनके जैसे लेखकों की इस प्रकार की मान्यताओं के चलते भारत वर्ष में वर्ण-व्यवस्था को अवैज्ञानिकता की […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

तुगलक के 1 लाख सैनिकों का पहाड़ी हिंदुओं ने किया सफाया – भारत में इस्लाम

विजय मनोहर तिवारी ये कुछ ऐसी तथ्य हैं, जिन्हें जान-बूझकर हमारे इतिहास से गायब रखा गया। अलाउद्दीन खिलजी के बाद मोहम्मद तुगलक दिल्ली में दूसरा ऐसा इस्लामी कब्ज़ेदार है, जिसे खिलजी से भी ज्यादा समय तक कब्ज़ा बरकरार रखने का मौका मिला। खिलजी ने 20 साल तक हिंदुस्तान को रौंदा। तुगलक को 26 साल मिले। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

औरंगजेबी मानसिकता का उपचार वास्तविक इतिहास से अवगत कराना जरूरी

शंकर शरण हिंदू विविध मुद्दों पर विवाद में मशगूल रहते हैं, पर किसी मुद्दे को सींग से पकड़कर निर्णायक दिशा में मोड़ना और समस्या को हल करना नहीं जानते। सदियों पहले गुजरे औरंगजेब की आज भी लानत-मलामत उसी का उदाहरण है। उसका उपयोग विविध नेता और दल अपनी-अपनी राजनीति खरी करने में करते हैं, जबकि […]

Categories
पर्यावरण

कुआँ सूखने पर ही पता चलता है पानी की कीमत

कहावत “जब तक कुआँ सूख नहीं जाता, हमें पानी की कीमत का पता नहीं चलता” हमें इस बात की याद दिलाती है कि हमें अपने जीवन और संसाधनों के प्रति जागरूक और कृतज्ञ रहना चाहिए। चाहे वह जल हो, प्रेम हो, स्वतंत्रता हो या स्वास्थ्य, हमें इनका सम्मान और संरक्षण करना चाहिए ताकि आने वाली […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से देश विदेश राजनीति

बांग्लादेश की फितरत और भारत

डॉ राकेश कुमार आर्य बांग्लादेश में जब से सरकार बदली है तब से लेकर अब तक बड़ी संख्या में हिंदुओं का नरसंहार हो चुका है। अभी तक इस नरसंहार में मरने वाले लोगों की स्पष्ट संख्या तो कोई ज्ञात नहीं हो पाई है, परंतु इतना अवश्य है कि हिंदू समाज के स्त्री पुरुषों को वहां […]

Categories
आज का चिंतन

संघर्ष किसके जीवन में नहीं है ?

संघर्ष किसके जीवन में नहीं है? अर्थात सभी के जीवन में हैं कुछ लोग आपको प्रत्येक परिस्थिति में खुश दिखाई देते होंगे। “ऐसा नहीं है, कि उनके जीवन में कोई समस्याएं नहीं आती। कोई चिंता नहीं होती, कोई तनाव नहीं होता, या परिस्थितियों से उन्हें कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता। चिंताएं परेशानियां दुख समस्याएं सबके […]

Exit mobile version