Categories
आतंकवाद मुद्दा

धर्म संसद : इस्लामिक जिहाद से मुक्ति का मार्ग

जब शतकों से इस्लामिक जिहाद के भीषण अत्याचारों से मानवता त्राहि – त्राहि करती आ रही हो फिर भी कोई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन इससे सभ्य समाज को सुरक्षित रखने में असफल हो रहा हो तो वैश्विक समाज क्या करे? ऐसे में इन जेहादियों की घृणित और हिंसक सोच से जनमानस को अवगत करा कर […]

Categories
उगता भारत न्यूज़ व्यक्तित्व

प्रखर वक्ता और उत्कृष्ट सांसद प्रकाश वीर शास्त्री को भारत रत्न देने की हुई मांग

अमरोहा। यहां स्थित रहरा गांव में प्रकाशवीर शास्त्री इंटर कॉलेज में सुप्रसिद्ध आर्य नेता प्रखर वक्ता और उत्कृष्ट सांसद प्रकाशवीर शास्त्री की 101 वीं जयंती के अवसर पर स्थापित की गई उनकी प्रतिमा के अनावरण समारोह के अवसर पर उन्हें भारत रत्न देने की मांग की गई है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप […]

Categories
संपादकीय

जिंदगी निकट से होकर चली गई…

हम संसारीजन जब परस्पर एक दूसरे से कुशल क्षेम पूछते हैं तो अक्सर कुशल क्षेम बताने वाला व्यक्ति यह कहता हुआ पाया जाता है कि ‘बस कर रहे हैं टाइम पास।’ युधिष्ठिर परिव्राजक जी इस विषय में अपने प्रवचनों में कहते हैं कि जैसे कोई व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर जाता है और वहाँ जाकर उसे […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख मुद्दा

नए साल में गांव को स्वच्छ बनाने का संकल्प लें

पूरी दुनिया में इस समय पर्यावरण और इससे जुड़े मुद्दे सबसे अहम माने जा रहे हैं. विशेषकर घरों से निकलने वाला कचरा सबसे अधिक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है. इससे न केवल वातावरण बल्कि मानव सभ्यता भी प्रभावित हो रही है. एक अनुमान के मुताबिक अकेले भारत में ही प्रतिदिन डेढ़ लाख मीट्रिक टन कूड़ा […]

Categories
कविता

आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान

खिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान। आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान॥ दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएँ हो दूर। कोई भी न हो कहीं, रोने को मजबूर॥ छेड़ रही है प्यार की, मीठी-मीठी तान। नए साल के पँख पर, ख़ुशबू भरे उड़ान॥ बीत गया ये साल तो, देकर सुख-दुःख मीत। क्या पता? […]

Categories
कविता

नए साल का सूर्योदय, खुशियों के लिए उजाले हो

पल-पल खेल निराले हो, आँखों में सपने पाले हो। नए साल का सूर्योदय यह, खुशियों के लिए उजाले हो॥ मानवता का संदेश फैलाते, मस्जिद और शिवाले हो। नीर प्रेम का भरा हो सब में, ऐसे सब के प्याले हो॥ होली जैसे रंग हो बिखरे, दीपों की बारात सजी हो, अंधियारे का नाम ना हो, सबके […]

Categories
कविता

नई भोर का स्वागतम

मिटे सभी की दूरियाँ, रहे न अब तकरार। नया साल जोड़े रहे, सभी दिलों के तार।। बाँट रहे शुभकामना, मंगल हो नववर्ष। आनंद उत्कर्ष बढ़े, हर चेहरे हो हर्ष।। माफ करो गलती सभी, रहे न मन पर धूल। महक उठे सारी दिशा, खिले प्रेम के फूल।। गर्वित होकर जिंदगी, लिखे अमर अभिलेख। सौरभ ऐसी खींचिए, […]

Categories
कविता

नहीं नववर्ष ये अपना

नहीं नववर्ष ये अपना, हमारा चैत्र होता है। खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। प्रभु की सृष्टि को समझो बड़ा विज्ञान इसमें है। पढ़ा कर वेद को बंदे, छुपा यह ज्ञान जिसमें है।। कभी ऋत सत्य को समझो सनातन हर्ष होता है… खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। 1।। […]

Exit mobile version