प्रस्तुत लेख में ब्रह्माण्ड में अनेक पृथिवियों, पृथ्वी के गोल होने, पृथ्वी की गति, ऊपरी आवरण और गर्भ, आकर्षण-शक्ति, मूल तथा पृथ्वी पर समुद्र और हिन्दुओं के विभिन्न ग्रन्थों (शास्त्रों) में वर्णित वनस्पति के विषय में लेखन का प्रयास किया गया है। अथर्ववेद (८/९/१) में ‘कतमस्या पृथिव्या:’ में हमें इस विराट नभोमण्डल में उक्त छन्दांश […]
Month: January 2025
हृदय का भाव कितना महत्त्वपूर्ण
हृदय का भाव कितना महत्त्वपूर्ण और प्रभावी होता है : – विचार से भी सूक्ष्म है, हृदय के सद्भाव । ईष्ट-दे व तक पहुँचता एक श्रध्दा का भाव॥2749॥ भावार्थ:- विचार से भी सूक्ष्म भाव होता इन्हें चित्त में उठने वाली उर्मियाँ भी कहा जाता है। जिनका प्रभाव हृदय स्पर्शी होता है। किसी वक्तव्य को समझने […]
त्रिपुरा सरकार ने मंदिरों में दी जाने वाली पशुबलि पर रोक लगा दी। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं। धर्म के नाम पर पशुबलि अन्याय है। ईद पर भी इसी प्रकार से पशुबलि का निषेध होना चाहिए। कुछ लोग सरकार के निर्णय के विरुद्ध वेदों में पशुबलि के विधान होने की बात कर […]
महर्षि दयानन्द की मृत्यु जोधपुर में वैदिक धर्म का प्रचार करते हुए उनके विरोधियों के षडयन्त्र के अन्तर्गत उन्हें संखिया जैसे विषैले पदार्थ का सेवन कराने से अजमेर में दीपावली 30 अक्तूबर, 1883 मंगलवार सायं लगभग 6:00 बजे हुई थी। मृत्यु के दिन मृत्यु से आधे घण्टे पूर्व की उनकी जीवन की प्रमुख घटनाओं का […]
माँ के गीतों के वे बोल …
इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. अध्याय – 17 देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ मनाने की तैयारियों में जुट गया है। किसी भी देश व समाज को खड़ा करने के लिए 74 वर्ष बहुत होते हैं। यद्यपि राष्ट्र के सनातन स्वरूप को देखते हुए 74 वर्ष एक अरब 40 करोड़ की जनसंख्या को […]
हिंदू समाज का पुनर्जागरण आवश्यक क्यों ?
हिन्दू समाज की अपनी एक दैवीय विशेषता है जिस कारण सृष्टि के प्रारंभ से ही उसने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है | जब संसार के अन्य भागों में बोलने योग्य भाषा तक का आविष्कार नहीं हुआ था तब भारत में ऋग्वेद जैसा ज्ञान भण्डार अवतीर्ण हो चुका था | धर्म, आध्यात्म,विज्ञान,स्वास्थ्य, युद्ध, संगीत, भूगोल, […]
पिछले एक दशक से चली आ रही स्वच्छ भारत अभियान योजना के बहुत सफल परिणाम सामने आने लगे हैं. सितंबर 2024 तक, भारत भर में 5.87 लाख से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है, जिसमें 3.92 लाख से अधिक गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू कर रहे हैं और 4.95 […]
सी से कैमल नहीं, क्रम से कैमल
ऊंट जिसे रेगिस्तान का जहाज कहते हैं उसके लिए दुनिया की भिन्न भिन्न भाषाओं में अनेक नाम है । ऊंट के लिए सर्वाधिक शब्द संस्कृत भाषा में मिलते हैं यह संस्कृत भाषा की विलक्षणता है इसमें एक वस्तु के लिए जहां अनेक नाम मिलते हैं तो एक ही नाम यहां अनेक वस्तुओं का द्योतक होता […]
आर्य धर्म की महान क्षत्रिय परम्परा को कौन नही जानता, एक ऐसी परम्परा जिसमें समय समय पर अनेकों शूरवीर सामने आये और कभी राष्ट्रभक्ति तो कभी धर्म के लिए अपने प्राण तक दांव पर लगा दिए। इस महान क्षत्रिय परम्परा के शौर्य और वीरता के कारण ही भारत के सामने विश्व थर थर काँपता रहा […]
अपने विनाश को मौन होकर देखता हिंदू समाज
अब से लगभग १०० वर्ष पूर्व महात्मा गांधी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे। उनकी विचारधारा के अनुकूल कार्य करने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। कांग्रेस पर उनका लगभग एकाधिकार हो चुका था । उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने १९३७ में वर्धा में अपनी बैठक आयोजित की। […]