मेरे पास एक सुप्रसिद्ध धर्म गुरु मिलने आये और कुछ देर की वार्ता के बाद उन्होंने मेरी तरफ देखा और बोले आपको काल सर्प योग लगा हुआ है, बहुत मुश्किल का समय आपके सामने आ चूका है। कुछ देर रूककर बोले कि घबराना नहीं इसका उपाय किसी दिन बता दूंगा, सब ठीक हो जाएगा। मैंने […]
Month: December 2024
सबके पास कुछ न कुछ सुविधाएं हैं और कुछ-कुछ कमियां भी हैं। उन कमियों को दूर करने के लिए सब में इच्छाएं भी हैं। इच्छाओं के क्षेत्र में दो प्रकार के लोग संसार में देखे जाते हैं। एक वे, “जो अपने पास उपलब्ध सुविधाओं पर अधिक ध्यान देते हैं। जो वस्तुएं जीवन चलाने के लिए […]
वेद अपौरुषेय रचना है। सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने ही अपने अन्तर्यामीस्वरूप से चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य एवं अंगिरा को उनकी आत्माओं में वेदों का ज्ञान कराया वा दिया था। प्राचीन काल से अद्यावधि-पर्यन्त सभी ऋषि वेदों की परीक्षा कर इस तथ्य को स्वीकार करते आये हैं कि वेद वस्तुतः ईश्वर से ही […]
सनातन वैदिक दल से अलग नहीं है दलित वर्ग ग्रेटर नोएडा। यहां स्थित ग्राम छांयसा में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया । जिसमें ‘ वैदिक सनातन धर्म और दलित समाज की समस्याएं ‘ विषय पर विचार रखे गए विद्वानों ने अपने विचार प्रकट किए निष्कर्ष निकाला गया कि दलितों का यदि सबसे बड़ा […]
देश की समस्याओं का जखीरा और बढ़ती जनसंख्या
आजकल जनसंख्या के गणित पर देश में बड़ी चर्चा छिड़ी हुई है। कोई आबादी बढ़ाने की बात करते नजर आते हैं तो कोई आबादी घटाने की। हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में देश की घटती आबादी को लेकर चिंता जता दी। उन्होंने यह कहा है कि प्रजनन दर घटी तो समाज […]
ब्रह्मचर्य बल की महिमा
स्वामी भीष्म जी यूँ तो कभी किसी बारात-विवाह आदि में नहीं जाते थे मगर एक बहुत बड़े धनाढ्य सेठ जी जो उनका बहुत मान करते थे और उन्हें गुरु जी कहते थे, तो उनके बार-बार कहने पर उनके पुत्र के विवाह में बारात में मेरठ जाने के लिए तैयार हो गए । उस जमाने में […]
वेदों को जाने
================== !!!! —: वेदों की शाखाएँ :— !!!! वेद का ज्ञान अनन्त हैः– “अनन्ता वै वेदाः।” वैदिक-वाङ्मय ज्ञान का भण्डार है। वैदिक संस्कृत ज्ञान का सागर है। वेद के विद्वानों, ऋषियों ने वैदिक ज्ञान को सुरक्षित रखने के अनन्त उपाय किए। एक उपाय वेद की शाखा से सम्बन्धित है। जैसे वृक्षों में अनन्त शाखाएँ होती […]
भारत में आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से सहकारिता आंदोलन को सफल बनाना बहुत जरूरी है। वैसे तो हमारे देश में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत वर्ष 1904 से हुई है एवं तब से आज तक सहकारी क्षेत्र में लाखों समितियों की स्थापना हुई है। कुछ अत्यधिक सफल रही हैं, जैसे अमूल डेयरी, परंतु […]
यह लेखमाला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। गतांक से आगे … कलियुग का वर्णन करते हुए महाभारत वनपर्व अध्याय ११० में लिखा है कि- ये यवान्ना जनपदा गोधूमात्रास्तथैव च । तान् देशान् संश्रयिष्यन्ति युगान्ते पर्युपस्थिते ।। अर्थात् जिन देशों […]
हमें यह ज्ञात होना चाहिये कि ईश्वर क्या व कैसा है? उसके गुण, कर्म व स्वभाव क्या व कैसे हैं? इसका ज्ञान करने का सरलतम तरीका सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ का अध्ययन है। हमारी दृष्टि में संसार में सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ के समान दूसरा महत्वपूर्ण ग्रन्थ नहीं है। इसके अध्ययन से मनुष्य की सभी शंकायें व समस्यायें दूर […]