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राजनीति

देश तो चलेगा बहुमत की इच्छा से ही ….

कहते हैं कि जो राजा या शासन पद्धति जनभावनाओं को नहीं समझ पाते हैं, रणनीतिक रूप से अकस्मात गोलबंद किए हुए उग्र लोगों के द्वारा नष्ट कर दिए जाते हैं। मुगलिया सल्तनत से लेकर ब्रिटिश साम्राज्य का हश्र हमारे-आपके सामने है। वहीं, एक बार नहीं बल्कि कई दफे हुआ पारिवारिक लोकतांत्रिक सत्ता का पतन भी […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर में अविश्वास क्यों ?

व्याख्याता – शास्त्रार्थ महारथी पं॰ रामचंद्र देहलवी जी प्रस्तुति –  ‘अवत्सार’ आजकल कुछ मित्रादि अथवा दूसरे व्यक्ति जब मुझसे मिलते हैं तो मुझसे प्रायः वह प्रश्न किया करते हैं, “क्या कारण है कि ईश्वर के अस्तित्व के विषय में इतने भाषण होते हैं फिर भी लोगों का ईश्वर में विश्वास समाप्त होता जा रहा है […]

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धर्म-अध्यात्म

आर्य सुधारक थे महात्मा बुद्ध

बौद्ध मत के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध के बारे में यह माना जाता है कि वह आर्य मत वा वैदिक धर्म के आलोचक थे एवं बौद्ध मत के प्रवर्तक थे। उन्हें वेद विरोधी और नास्तिक भी चित्रित किया जाता है। हमारा अध्ययन यह कहता है कि वह वेदों को मानते थे तथा ईश्वर व जीवात्मा के […]

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कविता

जीवन का संदेश यही है

जीवन का संदेश यही है , बात करो – तुम तारों से। ऊंचा देखो- ऊंचा सोचो, न उलझो नीच विचारों में।। लड़ो साहसी योद्धा बनकर, अंधियारी तुम रातों से। जो भूत नहीं माने बातों से, मनवा दो उसको लातों से।। यश की चादर ओढ़ बढ़ो तुम, पड़ताल व्योम की करने को। करतल-पृष्ठे पुण्य करो तुम, […]

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व्यक्तित्व

भाई परमानंद जी का संघर्षशील जीवन

गुरु तेग बहादुर के साथ ही बलिदान देने वाले भाई मतिदास, जिन्हें मुस्लिम ना बनने पर औरंगजेब के आदेश से आरे से बीच से चीर दिया गया था और जिनके बलिदान से भाव विह्वल हो गुरु ने उन्हें भाई की उपाधि से विभूषित किया था, के वंश में जन्मे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी भाई परमानन्द […]

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व्यक्तित्व

बालासाहेब देवरस जी अस्पृश्यता प्रथा के घोर विरोधी थे

11 दिसम्बर 2024 श्री बालासाहेब देवरस की जयंती पर विशेष लेख परम पूज्य श्री मधुकर दत्तात्रेय देवरस जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय सरसंघचालक थे। आपका जन्म 11 दिसम्बर 1915 को श्री दत्तात्रेय कृष्णराव देवरस जी और श्रीमती पार्वती बाई जी के परिवार में हुआ था। आपने वर्ष 1938 में नागपुर के मॉरिस कॉलेज से […]

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आर्य समाज

आर्यसमाज एक अद्वितीय धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय संगठन है

संसार में किसी विषय पर सत्य मान्यता एक व परस्पर पूरक हुआ करती हैं जबकि एक ही विषय में असत्य मान्यतायें अनेक होती व हो सकती हैं। संसार में ईश्वर व धर्म = अध्यात्म विषयक मान्यतायें भी एक समान व परस्पर एक दूसरे की पूरक होती हैं। इसी कारण से संसार में ईश्वर एक ही […]

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कविता

दिव्य भाव से करो मित्रता

जीवन में छल छद्मों से, बचता चल – तू बचता चल। मार्ग बना निष्कंटक अपना, पाप-घात से बचता चल ।। जितने भर भी दिव्य भाव हैं, चुनता चल तू – चुनता चल। जितने भर भी दुष्ट भाव हैं, मन से दूर हटाता चल।। भव्य भाव में जीना दुर्लभ , पर नहीं असंभव कुछ भी। दिव्य […]

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संपादकीय

क्रांतिकारी संन्यासी और भारत की राजनीति

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर कई बार चर्चाओं आ चुके हैं। उनकी मानें तो योगी आदित्यनाथ जैसे भगवाधारी साधु संतों को राजनीति में नहीं रहना चाहिए। अब इस बात को कहकर खड़गे अपनी राजनीतिक हताशा का प्रदर्शन कर रहे हैं या वह वास्तव में इस बात के प्रति […]

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कविता

अंधकार नहीं रोक सका है

जीवन की हारी बाजी को, जो हार गया- सो हार गया। जिसने पलटा इस पासे को, वह पार गया – वह पार गया।। अंधकार नहीं रोक सका है, कभी सवेरे को जग में। गहन निशा भी छंट जाती है, संकल्प धार लो यदि मन में।। नियम शाश्वत चलता आया, जहां अंधेरा, होता वहीं सवेरा। जहां […]

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