तुलसी है संजीवनी, तुलसी रस की खान। तुलसी पूजन से मिटें, जीवन के व्यवधान।। विष्णु प्रिया तुलसी सदा, करती है कल्यान। तुलसी है वरदायिनी, जीवन का वरदान ।। जिस घर में तुलसी पुजे, रहे प्रभू का वास। रोग पाप सब के मिटे, तन-मन हो उल्लास।। तुलसी सालिगराम की, महिमा अजब महान। हम सब का कर्तव्य […]
Month: December 2024
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की समस्या हमेशा ध्यान देने की मांग करती रही है. हालांकि समय के साथ इसमें काफी सुधार हुआ है, लेकिन स्थिति अभी भी उतनी संतोषजनक नहीं है जितनी होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे की कमी, शिक्षकों की कमी, शैक्षिक संसाधनों का अभाव और कमजोर सामाजिक परिवेश […]
महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार का मार्ग क्यों चुना? इसका उत्तर है कि उनके समय में देश व संसार के लोग असत्य व अज्ञान के मार्ग पर चल रहे थे। उन्हें यथार्थ सत्य का ज्ञान नहीं था जिससे वह जीवन के सुखों सहित मोक्ष के सुख से भी सर्वथा अपरिचित व वंचित थे। महर्षि दयानन्द […]
[हिन्दवी – स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से] (अध्याय 15) सूर्य ढलने लगा अब हिंदवी स्वराज्य का। हृदय को छलने लगा फूट का वह राज था।। आघात अपने आप दे आप को छलने लगे। तीर शकुनिवाद के अपनों पर चलने लगे।। मराठों ने भारत से मुगलिया सत्ता को सदा-सदा के लिए उखाड़ […]
(यह लेख 2019 में प्रकाशित किया गया था) जलियांवाला बाग घटना। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन अंग्रेज डायर द्वारा निहत्थे भारतीयों के खून से लिखी ऐसी दर्दनाक इतिहास की घटना है। जिसके इस वर्ष 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। पंजाब सहित देशभर में रौलेट एक्ट रूपी काला कानून देशवासियों को प्रथम […]
आर्यसमाज का मेघ जाति उत्थान आंदोलन
आर्य समाज और मेघ 19 वीं शताब्दी में धार्मिक तथा समाज सुधारक आंदोलनों में आर्य समाज निःसन्देह सबसे महत्वपूर्ण था. स्यालकोट के डस्का शहर में सन् 1884 में और जफ़रवाला में 1887 में आर्यसमाज स्थापित हो चुकी थी. ये दोनों समाजें मेघोद्धार का केंद्र थीं.हिंदू समाज के दमन से तंग आए निम्नजातियों के हिन्दू इस्लाम […]
31 दिसम्बर की आधी रात को हम 2024 को अलविदा कह देंगे और कैलेंडर 1 जनवरी यानी 2025 के नए साल के दिन के लिए अपना नया पन्ना खोलेगा। उतार-चढ़ाव, मजेदार पल और कुछ ख़ास नहीं-यह सब अब अतीत की बात हो जायेंगे। हम एक नए साल के मुहाने पर खड़े हैं, जो हमारे सामने […]
“दिल्ली के बादशाह नवाब नजीबुद्दौला के दरबार में एक सुखपाल नाम का ब्राह्मण काम करता था। एक दिन उसकी लड़की अपने पिता को खाना देने महल में चली गयी। मुग़ल बादशाह उसके रूप पर मोहित हो गया। और ब्राह्मण से अपनी लड़की कि शादी उससे करने को कहा और बदले में उसको जागीरदार बनाने का […]
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अब इस संसार में नहीं रहे। उनकी शांत – शालीन और गंभीर मुखमुद्रा उन्हें राजनीति में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती थी। उनका व्यक्तित्व अपने आप में निराला और अनोखा था। अपने राजनीतिक जीवन में सरदार मनमोहन सिंह ने अनेक प्रकार की आलोचनाओं को बहुत शालीनता के साथ […]
आजकल हम देखते हैं कि बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर्स ने व्यस्त बाज़ार के पास नो-वेंडिंग ज़ोन में स्टॉल लगा रखे हैं। इनके लिए नो-वेंडिंग ज़ोन की स्थापना सुचारू यातायात प्रवाह सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए की जा सकती है। हालाँकि, इनमें से कई विक्रेता अपने परिवार, जिसमें बुज़ुर्ग माता-पिता और […]