इतिहास की पड़ताल पुस्तक से .. आजकल अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है उससे हम भारतवासियों को बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। हमें यह पता होना चाहिए कि अफगानिस्तान कभी भारतवर्ष का एक अंग हुआ करता था। आर्यावर्त कालीन अनेकों सम्राटों का इस क्षेत्र पर शासन रहा है। उस समय वैदिक संस्कृति […]
महीना: दिसम्बर 2024
क्या आपको पता है कि प्रथम मुस्लिम आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ई में भारत के सिंध प्रांत पर आक्रमण किया और काफी उत्पात मचाया। उसके बाद उसके अनुयायी यानी मुस्लिम आक्रमणकारी अपनी सुविधा के अनुसार भारत पर आक्रमण करते हुए आए, यहां के समृद्ध मंदिरों व बाजारों सहित प्रमुख जगहों पर लूटपाट मचाई […]
भारतीय संस्कृति में पर्वों को मनाने की लंबी परंपरा है । यही कारण है कि यहां पर्वों का बहुत बड़ा महत्व है । लोगों के हृदय में आस्था है,विश्वास है, श्रद्धा है,भक्ति है और समर्पण है । हमारे देश में एक कहावत प्रचलित है “बारह महीने तेरह त्योहार” इन सभी पर्वों के पीछे बहुत बड़ी […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे … दूसरे अन्न पशुओं को भी दिया जाता है, जिससे दूध और घृत की प्राप्ति होती है। तीसरे थोड़ा बहुत यज्ञशेषान प्रसाद […]
ग्रृहस्थ आश्रम और यजुर्वेद
यजुर्वेद के अनुसार (महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा किया गया भाष्य) २) ॥अध्याय ८ मंत्र १० ।। भावार्थ – इस संसार में मनुष्यजन्म को पाकर स्त्री और पुरुष ब्रह्मचर्य्य, उत्तम विद्या, अच्छे गुण और पराक्रमयुक्त होकर विवाह करें। विवाह की मर्यादा ही से सन्तानों की उत्पत्ति और रतिक्रीड़ा से उत्पन्न हुए सुख को प्राप्त होकर नित्य […]
प्रभु की अनन्त कृपाओं के संदर्भ में
प्रभु – कृपा नित बरसती, दिखता नहीं है कोष। ज्यों वारिद बिन रात में, बरसती रहती ओस ॥ वारिद अर्थात बादल॥2735॥ भावार्थ :- जिस प्रकार साफ आसमान से रात में गिरती हुई ओस की बूँदें दृष्टिगोचर नहीं होती है, ठीक इसी प्रकार हम पर परम पिता परमात्मा की अनेक प्रकार की अनन्त कृपाएँ बरसती हुई […]
हिंदवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से .. महान पेशवा बालाजी विश्वनाथ – अध्याय11 मराठा शासनकाल में प्रधानमंत्री को ही पेशवा कहा जाता था। राजा की अष्टप्रधान परामर्शदात्री परिषद में इसका स्थान सबसे प्रमुख होता था। इसलिए बराबर वालों में प्रथम या प्रधान होने के कारण यह पद प्रधानमंत्री का पद बन […]
वैदिक चिंतन दर्शन से ही राष्ट्र में शांति संभव : डॉ राकेश कुमार आर्य गाजियाबाद। (विशेष संवाददाता) यहां स्थित आर्य समाज गोविंदपुरम का तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन संपन्न हो गया। अंतिम दिवस को अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार […]
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ है, क्योंकि हमने संविधान के जरिए सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के कई बड़े लक्ष्यों को हासिल किया है। संविधान निर्माताओं की प्रगतिशील और समावेशी सोच की छाप हमारे संविधान […]
– सौरभ तामेश्वरी कटेंगे तो बटेंगे हो या जात-पात की करो विदाई हम सब हिन्दू भाई-भाई का नारा। बीते दिनों में यह खूब चर्चा में हैं। पहला नारा राजनीतिक मंच से भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र चुनाव के समय दिया। वहीं दूसरा अभी देश-दुनिया में प्रसिद्ध संत […]