रावण के राष्ट्र में नीति थी, धर्म नहीं था ।नीति भी अधर्म की नीति थी। यदि उसके साथ धर्म भी होता तो निश्चित था कि रावण की पताका संसार में सबसे ऊंची कहलाती। आज संसार में प्रत्येक मनुष्य यह कह देता है कि वह तो पाखंडी है, लेकिन पाखंड कहते किसको हैं ? इसको देखें […]
महीना: नवम्बर 2024
आज हम अपने महान इतिहास नायक सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 149वीं जयंती मना रहे हैं। कृतज्ञ राष्ट्र उनके प्रति नतमस्तक है। अपने जीवन काल में उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए जिस प्रकार महान कार्य किये उनके समक्ष उनका समकालीन कोई भी नेता कहीं दूर-दूर तक भी टिकता हुआ दिखाई नहीं देता। […]
ये क्या है…? एक ओर ‘असत्य की जीत होकर रहेगी, अन्याय की जीत हो कर रहेगी’ और उसके तुरंत बाद ‘बोलो सियापति राम चंद्र भगवान की जय’! इसका क्या अर्थ है? क्या भगवान श्री राम ने असत्य और अन्याय को जिताया था? क्या बजरंगबली अन्याय के साथ लड़े थे? क्या भगवान वाल्मिकी का महाकाव्य ‘रामायण’ […]
लेखक-पंडित धर्मदेव विद्यामार्तण्ड [Monotheism अंग्रेजी के इस शब्द से बहुत लोग एक असमंजस की स्थिति में हैं। इसका अर्थ है एकेश्वरवाद अर्थात ईश्वर एक है। पश्चिमी विचारकों ने वेदों को लेकर एक भ्रान्ति है कि वेदों में ईश्वर अनेक है अर्थात वेद बहुदेवतावाद का समर्थन करते है। उनकी दूसरी मान्यता यह है कि सेमेटिक मत […]
हमारी सम्पदा किन लक्षणों को धारण करे? अच्छी संगति अर्थात् सत्संग का क्या महत्त्व है? नूष्ठिरं मरुतो वीरवन्तमृृतीषाहं रयिमस्मासु धत्त। सहस्त्रिणं शतिनं शूशुवांसं प्रातर्मक्षू धियावसुर्जगम्यात््।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.15 (कुल मन्त्र 747) (नू) अब (स्थिरम्) स्थिर (मरुतः) प्राण, श्वास, श्वास का नियंत्रक (वीरवन्तम्) शक्तिशाली वीर (ऋतीषाहम्) विजय का दाता (रयिम्) सम्पदा (अस्मासु) हम में (धत्त) धारण […]
आयुर्वेद ऋग्वेद का उप वेद है और आदिकाल में आयुर्वेद की उत्पत्ति ब्रहा / ईशवर से ही मानी जाती है। आयुर्वेद संपूर्ण जीवन का ज्ञान है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अपनाकर पूरा विश्व संपूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है।संसार का सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद है, जिसमें आयुर्वेद का पर्याप्त वर्णन है। आज विश्व में […]
“आप यदि समाज से पुरुषार्थ कर परोपकार कर सकते हो, तो समाज कर लो. इस में मेरी कोई मनाई नहीं. परन्तु इस में यथोचित व्यवस्था न रखोगे तो आगे गड़बड़ाध्याय हो जायेगा. मैं तो मात्र जैसा अन्य को उपदेश करता हूँ वैसा ही आप को भी करूँगा और इतना लक्ष में रखना कि कोई स्वतन्त्र […]
-ललित गर्ग- गाजियाबाद।गलवान संघर्ष के बाद भारत-चीन दोनों देशों के रिश्तों में एक बर्फ सी जम गई थी, वह बर्फ अब पिघलती-सी प्रतीत हो रही है। दोनों देश रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर गश्त लगाने पर एक समझौते पर […]
– योगेश कुमार गोयल दीवाली से दो दिन पूर्व ‘धनतेरस’ नामक त्यौहार मनाया जाता है, जो इस वर्ष 29 अक्तूबर को को मनाया जा रहा है। धनतेरस के प्रचलन का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है। यह त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है तथा इस दिन आरोग्य के देवता […]
भगवान श्री राम के बारे में यह बात कुछ असहज सी लगती है कि उन्हें भी कभी अंतर्द्वंद्व हुआ होगा । क्योंकि जनमानस में उनको लेकर एक ऐसी छवि स्थापित है , जिसमें वे प्रत्येक प्रकार के द्वंद्वभाव से ऊपर उठे हुए दिखाई देते हैं। इसके उपरान्त भी डॉ विनय कुमार सिंगला ‘ निश्छल’ जी […]