आचार्य डॉ.राधेश्याम द्विवेदी बचपन और शिक्षा और व्यवसाय संत कबीर नगर जिला मुख्यालय खलीलाबाद से लगभग दस किलोमीटर पश्चिम की ओर गोरखपुर – लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे भुजैनी ग्राम में श्री हर्ष तिवारी के प्रथम पुत्र के रूप में पंडित राजाराम शर्मा का जन्म 17 मई, 1897 ई. को हुआ था। उन्हें उच्च शिक्षा […]
महीना: नवम्बर 2024
अस्वीकरण -इस लेख का उद्देश्य किसी की आस्था और मान्यता पर चोट करना नहीं है ,बल्कि इस्लामी किताबों और इस्लामी वेबसाइटों में उपलब्ध जानकारी के आधार पर मुहम्मद के असली पिता के बारे सच्चाई का पता करना है इस कार्य का निष्पादन करने में लेख में जिन किताबों के हवाले दिए गए हैं ,हम उनकी […]
कुशल लेखक और विशिष्ट एवं अद्भुत साहित्यिक प्रतिभा के धनी श्री विजेन्द्र सिंह आर्य स्वनामधन्य विद्वान थे, जो अब हमारे बीच नहीं रहे। आधा दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक श्री विजेंद्र सिंह आर्य का जन्म दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के प्रांगण में स्थित सरकारी कर्मचारियों के लिए आवंटित क्वार्टर्स में 22 अगस्त 1947 […]
परमात्मा कहाँ पर है? परमात्मा को कैसे प्राप्त करें या उसकी अनुभूति कैसे करें? परमात्मा की अनुभूति प्राप्त करने के लिए एक द्रष्टा कैसे बनें? पश्वा न तायुं गुहा चतन्तं नमो युजानं नमो वहन्तम््। सजोषा धीराः पदैरनुग्मन्नुप त्वा सीदन्वश्वे यजत्राः।। ऋग्वेद मन्त्र 1.65.1 (कुल मन्त्र 748) (पश्वा) दृष्टा (न) जैसे कि (तायुम्) सबका पोषण करने […]
==================== दीपावली पर्व शुद्ध रूप से सामाजिक एवं भौगोलिक पर्व है। इसको द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण पांडव कौरव सब मनाया करते थे। त्रेता युग में भगवान राम और राम के पूर्वज भी मनाया करते थे और इससे पहले भी सतयुग में भी उसको मनाया जाता था। 🌷 दीपावली का वास्तविक नाम है “शारदीय […]
-दयानन्द कादियान हरियाणा प्रदेश को अस्तित्व में आये 52 साल हो रहे हैं। बहुत से लोग अपने अपने नेता के नाम के आगे हरियाणा केसरी, हरियाणा का जन्मदाता तथा हरियाणा का निर्माता आदि विशेषणों का प्रयोग करते हैं। कुछेक बुजुर्गों को छोड़कर आज की युवा पीढ़ी के लोग कम ही जानते हैं कि वेदों की […]
ऋषि दयानंद ने भयंकर विपरीत परिस्थितियों मे सत्य का मण्डन और पाखंड का खंडन किया इसलिए सभी उनके विरोधी हो गये।उनके प्राण हरण की भयंकर चेष्टा की गई।जो उनके भरोसेमन्द थे वे सब निकम्मे निकले।पहले उनके साथ भरतपुर का कल्लू कहार जिस पर स्वामी जी बहुत भरोसा और उससे प्रेम करते थे ।वह छ: सात […]
========== महर्षि दयानन्द एक पौराणिक पिता व परिवार में गुजरात प्रान्त के मौरवी जनपद के टंकारा नामक ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को जन्में थे। उनके पिता शिव भक्त थे। उनके परिवार के सभी सदस्य भी पौराणिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले जन्मना ब्राह्मण थे। स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम मूलजी व मूलशंकर […]
भारत भूमि का एक बड़ा हिस्सा वनों एवं जंगलों से आच्छादित है। भारतीय नागरिकों को प्रकृति का यह एक अनोखा उपहार माना जा सकता है। इन वनों एवं जंगलों की देखभाल मुख्य रूप से जनजाति समाज द्वारा की जाती रही है। जनजाति समाज की विकास यात्रा अपनी भूख मिटाने एवं अपने को सुरक्षित रखने के […]
रावण के राष्ट्र में नीति थी, धर्म नहीं था ।नीति भी अधर्म की नीति थी। यदि उसके साथ धर्म भी होता तो निश्चित था कि रावण की पताका संसार में सबसे ऊंची कहलाती। आज संसार में प्रत्येक मनुष्य यह कह देता है कि वह तो पाखंडी है, लेकिन पाखंड कहते किसको हैं ? इसको देखें […]