▪️ ‘खलीफा’ दुनिया के मुसलमानों के सर्वोच्च मजहबी-राजनीतिक प्रमुख होते थे। यह प्रोफेट मुहम्मद के देहांत बाद शुरू हुआ, जब उन के उत्तराधिकारी अबू बकर प्रथम खलीफा बने। वे 632 से 634 ई. तक खलीफा रहे। पर दो ही दशक बाद से मुख्यतः ईराकी और तुर्की लोग खलीफा बनते रहे। 1517 ई. से लगातार तुर्की […]
महीना: नवम्बर 2024
दिव्य अग्रवाल अखंड ब्रह्माण्ड जिन सिद्धांतों पर चलता है उन सिद्धांतों का निर्माण करने वाले सनातन धर्म को कुछ मजहबी लोगों ने कमजोर समझ लिया है जिसका सर्वप्रथम कारण सनातनी समाज है । ५०० वर्ष तक प्रभु श्री राम मंदिर के निर्माण हेतु संघर्ष करने वाली कौम मंदिर निर्माण होने के पश्चात भविष्य के लिए […]
आचार्य डा. राधेश्याम द्विवेदी छठ पर्व या छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। इस पूजा का महत्व सनातन काल से ही देखा जा सकता है। इसका आरंभ महाभारत काल में कुंती द्वारा सूर्य की आराधना तथा सूर्य के आशीर्वाद स्वरूप उन्हें पुत्र कर्ण की प्राप्ति होने के समय […]
आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी तरगांव निवास करते हुए आसपास के दर्जनों स्थलों को पावन करते हुए घनश्याम प्रभु ने सम्वत 1845 में मीन सरोवर पर ये लीला रची थी। मीन सरोवर वह स्थान है जहाँ स्वामी नारायण ने मछुआरों को आजीविका के लिए मछलियाँ न मारने की शिक्षा दी थी। यह छोटी झील गर्मियों के […]
============ सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को एक-एक वेद का ज्ञान दिया था। यह चार वेद हैं ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद। इन वेदों में इस सृष्टि के प्रायः सभी रहस्यों सहित सभी विद्याओं का भण्डार है। वेदों का यह ज्ञान सर्वान्तर्यामी एवं सर्वव्यापक परमात्मा ने ऋषियों […]
जनजाति समाज बहुत ही कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए देश में दूर दराज इलाकों के सघन जंगलो के बीच वनों में रहता है। जनजाति समाज के सदस्य बहुत ही कठिन जीवन व्यतीत करते रहे हैं एवं देश के वनों की सुरक्षा में इस समाज का योगदान अतुलनीय रहा है। चूंकि यह समाज भारत के […]
-ः ललित गर्ग:- सुप्रीम कोर्ट ने हर निजी सम्पत्ति पर सरकार कब्जा नहीं कर सकती वाला राह दिखाने वाला फैसला देकर जहां निजी सम्पत्ति धारकों के अधिकारों की रक्षा की है, वही अर्थ-व्यवस्था को तीव्र गति देने के धरातल को मजबूत बनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने जाहिर किया है कि निजी संपत्ति के […]
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस- 7 नवम्बर, 2024 -ः ललित गर्ग:- वैश्विक स्तर साल-दर साल कैंसर रोगियों और मृतकों की संख्या बढ़ रही है। भारत में बीते सालों में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। कैंसर की पहचान, रोकथाम और इलाज के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष भारत […]
** खूनी खेल** ”7 नवंबर 1966 की सुबह आठ बजे से ही संसद के बाहर लोग जुटने शुरू हो गए थे। उस दिन कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी, जिसे हम-आप गोपाष्ठमी नाम से जानते हैं। गोरक्षा महाभियान समिति के संचालक व सनातनी करपात्री जी महाराज ने चांदनी चैक स्थित आर्य समाज मंदिर […]
शिवेश प्रताप मोहन भागवत जी का आज का विजयादशमी उद्बोधन भारतीय समाज और राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक संदेश था। एक मजबूत नागरिक चरित्र से ही एक मजबूत राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण होता है। अपने वक्तव्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और समसामयिक संदर्भों के माध्यम से उन्होंने समाज और राष्ट्र के उत्थान में […]