*”इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है, वह समस्याओं से खाली नहीं है। और जब तक जीवन रहेगा, तब तक समस्याएं भी बनी रहेंगी। किसी के जीवन में समस्याएं कम आती हैं, और किसी के जीवन में कुछ अधिक।”* *”जब कोई समस्या जीवन में आ ही जाती है, तो उससे घबराना नहीं चाहिए। उसका […]
Month: October 2024
वेदों में ‘भारत’ शब्द (चारों वेदों में ढूंढ़ने पर ‘भारत’ शब्द कुल छः मन्त्रों में प्राप्त हुआ है।) जब भी कोई विषय विशेष रुप से चर्चा में आता है। तब मैं उससे सम्बन्धित कोई भी शब्द या बात वेद में है क्या यह देखता हूँ। जैसे कि अभी हमारे देश का नाम भारत है या […]
इस्लामी चकलाघर !
इस ब्लॉग को पढ़नेवाले सभी मित्र जानते हैं कि अक्सर जब मुस्लिम ब्लोगरों के पास कोई तर्कपूर्ण उत्तर नहीं होता है ,तो वह अनर्गल टिप्पणियां करने लगते हैं .इसी तरह कुछ दिन पूर्व एक बेनामी “इम्पेक्ट “मेरे ऊपर कटाक्ष करते हुए लिखा था कि ,मैं एक चकलाघर चला रहा हूँ .इसलिए जरूरी हो गया था […]
– ललित गर्ग- सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है। जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विचार […]
प्रस्तावना : नेहरू बोले : मुसलमान तो मैं भी हूं … हम सभी जानते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वाधीनता के पश्चात देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें देश की स्वाधीनता के पश्चात लोगों की प्राण रक्षा की कोई चिंता नहीं थी। उन्हें प्रधानमंत्री पद पाने की चिंता थी। जिसके चलते उस समय लाखों […]
============= परमात्मा ने मनुष्य की जीवात्मा को मानव शरीर में किसी विशेष प्रयोजन से दिया है। पहला कारण है कि हमें अपना-अपना मानव शरीर व मानव जीवन अपने पूर्वजन्मों के कर्मों के आधार पर आत्मा की उन्नति व दुःखों की निवृत्ति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति के लिये जीवन में ज्ञान की प्राप्ति […]
रामलखन गुर्जर जयपुर, राजस्थान विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश भारत में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. यद्यपि पिछले कुछ दशकों में इसमें काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है. वर्ष 2024-25 के बजट में भी स्वास्थ्य […]
◆ ऐतिहासिक भूल के सौ साल: जब गांधीजी “खिलाफत आंदोलन” चला रहे थे तब तुर्क उसे खत्म करना चाह रहे थे… [आज से ठीक 104 वर्ष पहले खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई थी। महात्मा गाँधी ने मुसलमानों के निजी आंदोलन को भारत के स्वाधीनता संग्राम के साथ जबरन यह सोच कर नत्थी कर दिया था […]
सैनिक दिव्य प्रकृति के कैसे होते हैं? प्राण दिव्य प्रकृति के कैसे होते हैं? चित्रैरजिंभिर्वपुषे व्यंजते वक्षःसु रुक्माँ अधि येतिरे शुभे। अंसेष्वेषां नि मिमृक्षुर्ऋष्टयः साकं जज्ञिरे स्वधया दिवो नरः।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.4 (कुल मन्त्र 736) (चित्रैः) अद्भुत (अजिंभिः) रूप तथा भाव (वपुषे) शरीर की सुन्दरता के लिए (व्यंजते) शोभान्वित करता है (वक्षःसु) अपनी छाती पर, […]
ईश्वर ने इस विशाल किन्तु ससीम ब्रह्माण्ड की रचना केवल मानव शरीरधारी आत्माओं के लिए मानव शरीर रुपी साधन से किसी जाने वाले कर्मों के फल के भुगतान के लिए पुनः विभिन्न शरीरों को धारण कराने तथा सुख दुख की अनुभूति के लिए की है।सुख दुख की अनुभूति केवल शरीर रुपी साधन से ही आत्मा […]