17 अक्टूबर, 1817 को जन्मे सैयद अहमद खान 1838 में ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े। अंग्रेजो का विश्वास जीतकर वह 1867 में एक न्यायालय के न्यायाधीश भी बने और 1876 में सेवानिवृत्त हुए। अप्रैल 1869 में सैयद अहमद खान अपने बेटे के साथ इंग्लैंड गए, जहां छह अगस्त को उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ […]
Month: October 2024
लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें याद करें। :- 9 जून 1964 को भारत के लाल जिन्हें गुदड़ी का लाल भी कहा जाता है ऐसे स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी वर्ष 1964 में आज ही के दिन भारत रत्न श्री लालबहादुर शास्त्री जी […]
भारत में द्वि राष्ट्र थ्योरी यानी “हिंदू और मुस्लिम” एक साथ नहीं रह सकते हैं ,उसके जन्मदाता ना मोहम्मद अली जिन्ना है, ना इकबाल हैं और ना ही विनायक दामोदर सावरकर है …… बल्कि पढ़ा लिखा एक मुस्लिम सर सैय्यद अहमद खान था। उस समय तो सावरकर पैदा भी नहीं हुए थे । सन १८६७ […]
मुस्लिम औरतें जहन्नम के लायक !
नोट -यह लेख हमने 13 जन 2013 को पोस्ट किया था इसे पढ़ कर 3 मुस्लिम लड़कियां वैदिक् धर्म अपना चुकी हैं ) मुसलमान अक्सर यह दावा करते हैं कि अल्लाह की नजर में स्त्री और पुरुष दोनों समान हैं .और क़यामत के दिन दोनों को उनके कर्मों के अनुसार फल दिया जाएगा .और यह […]
• पंडित आत्माराम अमृतसरी पंडित और विद्वान् शब्द का व्यावहारिक लक्षण यह है कि जो अपने बराबर के पंडित को मूर्ख और अपने से बढ़िया पंडित को उन्मत्त बतलाये। विद्वानों के हृदय फट जाते हैं और पंडितों की आंखें लाल हो जाती हैं जब वे अपने सामने किसी और पंडित के सम्बन्ध में प्रशंसा के […]
प्रस्तावना प्रस्तुत पुस्तक उन योद्धाओं के लिए समर्पित है, जिन्होंने भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के लिए मुगलकाल में अपने अनुपम बलिदान दिए। निश्चित रूप से अपने उन बलिदानियों को किसी एक ग्रंथ में समाविष्ट नहीं किया जा सकता, यह भी नहीं कहा जा सकता कि उनकी संख्या कितनी रही होगी ? कितने लोगों ने अपने बलिदान […]
ग्रेटर नोएडा ( विशेष संवाददाता ) यहां स्थित ऋषि दयानंद वेद वाटिका में चल रहे ऋग्वेद पारायण यज्ञ के ज्ञान यज्ञ में वक्ताओं द्वारा देश की सबसे बड़ी पंचायत अर्थात संसद में वक्फ कानून में संशोधन को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति अर्थात जेपीसी के अध्यक्ष के साथ सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद और हैदराबाद […]
दैवी-सम्पदा चित्त में, ईश्वर को सौगात॥
‘ विशेष ‘ कहाँ छिपे हैं, दैवी -सम्पदा के अक्षय भण्डार ? वाह्य-सम्पदा के लिए, श्रम करता दिन-रात । दैवी-सम्पदा चित्त में, ईश्वर को सौगात॥2725॥ भावार्थ:- है मनुष्य! तू सांसारिक सम्पत्ति अर्जित करने के लिए दिन-रात पसीना बहाता है, भागीरथ तप करता है। अन्ततोगत्त्वा एक दिन इसे छोड़ कर चला जाता है। इसके अतिरिक्त तझे […]
फोटो प्रतीकात्मक आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी खम्पा तलवाडी एक तालाब /पोखर है जहाँ घनश्याम (स्वामीनारायण) स्नान करते थे और पास की कुटिया में एक संत से रामायण की कहानियाँ सुनते थे। पोखर के पास एक इमली का पेड़ हुआ करता था। इसी पर चढ़ कर एक बार खेलते समय वे घायल हो गए थे, जिससे […]
(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. यदि गीता के कर्मयोग के अनुसार कर्म से ही मोक्ष हो जाता, तो कर्मयोग के उपदेश करनेवाले स्वयं कृष्ण ही क्यों […]