============= आश्विन मास का कृष्ण पक्ष मृत पितरों का श्राद्ध कर्म करने के लिए प्रसिद्ध सा हो गया है। इन दिनों पौराणिक नाना प्रकार के नियमों का पालन करते हैं। अनेक पुरुष दाढ़ी नहीं काटते, बाल नहीं कटाते, नये कपड़े नहीं खरीदते व सिलाते, यहां तक की विवाह आदि का कोई भी शुभ कार्य नहीं […]
महीना: अक्टूबर 2024
आर्य समाज एक क्रन्तिकारी आन्दोलन है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैले विभिन्न-प्रकार के पाखंड, मत-मतान्तर, जाति-पाति, सम्प्रदाय, मूर्ति-पूजा आदि अन्धविश्वास को दूर करने वाला एक विश्वव्यापी आन्दोलन है और इसके प्रवर्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती हैं । लोगों के मध्य आर्यसमाज के विषय में भ्रान्तियां और समाधान :– आर्यसमाजी ईश्वर को नहीं मानते ? उत्तर:- […]
============= हमारी यह सृष्टि सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सच्चिदानन्दस्वरूप, अनादि व नित्य परमात्मा से बनी है। ईश्वर, जीव तथा प्रकृति तीन अनादि व नित्य सत्तायें हैं। सृष्टि प्रवाह से अनादि है। इसमें सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति तथा प्रलय का क्रम अनादि काल से चला आ रहा है और अनन्त काल तक चलता रहा है। सभी अनन्त […]
पुस्तक समीक्षा ज़ेबा खान पंचतंत्र की कहानी हर किसी ने अपने बचपन में कभी न कभी तो ज़रूर पढ़ी होगी और उससे एक अच्छी सीख भी हासिल की ही होगी बच्चा हो या बड़ा हर किसी को पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने का काफी शौक होता है और पढने के बाद उत्साहित भी महसूस करतें हैं। […]
Dr DK Garg 1.प्रात काल स्नान आदि से निवृत होकर एकांत में बैठकर ईश्वर की स्तुति,उपासना,प्रार्थना करनी चाहिए,उस समय मोबाइल इत्यादि बिलकुल आसपास ना हो। 2.उस समय बाहरी विचारो का प्रवाह नही होना चाहिए,केवल ईश्वर और आपके मध्य कोई दूसरा ना हो। 3.ईश्वर और आपके मध्य संबंध पिता ,माता,भाई ,राजा ,प्रजा , गुरु ,गणपति आदि […]
– मुस्लिम विद्वान् खून को हराम बताने के पीछे अनेकों कुतर्क करते हैं ,लेकिन असली कारण तौरेत यानि बाइबिल में मिलता है ,खून खुदा को सबसे अधिक पसंद है .कुरान और बाइबिल के कथन देखिये “क्योंकि हरेक देहधारी के प्राण उसके खून में रहते हैं ,और इसलिए मैंने लोगों से वेदी पर खून चढाने को […]
डॉ राकेश कुमार आर्य गतांक से आगे .. जयद्रथ वध के संबंध में हमारे समाज में कई प्रकार की भ्रांतियाँ बनी हुई हैं। इस संबंध में अज्ञानतावश लोगों का मानना है कि श्री कृष्ण ने दिन में ही अपनी माया से सूर्य को अस्त कर दिया था। जब अर्जुन जयद्रथ को मारने की प्रतिज्ञा पूर्ण […]