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आज का चिंतन

ओ३म् ‘मृतक श्राद्ध का विचार वैदिक सिद्धान्त पुनर्जन्म के विरुद्ध है’

============= महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ में सर्वव्यापक एवं सर्वातिसूक्ष्म व सर्वज्ञ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई-नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय इतिहास के महानायक

रामायण कालीन ऋषि शरभंग भारत में रामायण काल में एक महान तपस्वी ऋषि थे जिनका नाम शरभंग था। शरभंग उस समय तपोबल में बहुत अधिक ऊंचाई को प्राप्त कर चुके थे। वे संपूर्ण भारतवर्ष में वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार के कार्य में लगे हुए थे। यद्यपि राक्षस प्रवृत्ति के लोग उनके इस प्रकार के परोपकारी […]

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इसलाम और शाकाहार

पुनर्जन्म की इस्लामी व्याख्या !

सूचना -यह लेख हमने 15 जुलाई 2019 में तैयार किया था ,इसमें हमने बड़े परिश्रम से कुरान ,हदीस और मौलाना रूमी की मसनवी से प्रमाण लेकर सिद्ध किया की इस्लाम में भी पुनर्जन्म को सत्य माना गया है ,प्राणी के बार बार मरने और जन्म होने को आवागमन ,या पुनरागमन भी कहा जाता है अंगरेजी […]

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आओ कुछ जाने

मिट्टी के दीपक और भारतीय संस्कृति

आत्माराम यादव पीव मिट्टी तो मिट्टी है, हमें इसी तात्विक ज्ञान का परिचय है लेकिन परमात्म विषयक चिंतन की मान्यता है कि मिट्टी के कण-कण में परमतत्व प्राण व्याप्त है। मिट्टी जो पृथ्वी तत्व है ओर पृथ्वी में स्थित सर्वन्त्यामी है। पृथ्वी अखिल विश्व की सृष्टि को धारण करती है अर्थात अपने वक्षस्थल पर धारती […]

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शिक्षा/रोजगार

पीएचडी परीक्षा के नए मानक क्या होने चाहिए

प्रियंका सौरभ नेट पर बढ़ती निर्भरता अनजाने में भारत में शोध के दायरे को सीमित कर सकती है। अनुसंधान विचार, कार्यप्रणाली और परिप्रेक्ष्य की विविधता पर पनपता है। नेट जैसे मानकीकृत परीक्षण, जो आलोचनात्मक सोच पर याद रखने को प्राथमिकता देते हैं, ऐसे विद्वान पैदा कर सकते हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण करने में माहिर हैं […]

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धर्म-अध्यात्म

परमात्मा किस प्रकार एक सर्वव्यापक यज्ञ कर रहें हैं?

परमात्मा किस प्रकार एक सर्वव्यापक यज्ञ कर रहें हैं? इस सर्वव्यापक यज्ञ में भाग लेने वाले व्यक्ति से क्या आशा की जाती है? नोधाः कौन है? वृष्णे शर्धाय सुमखाय वेधसे नोधः सुवृक्तिं प्र भरा मरुद्भयः। अपो न धीरो मनसा सुहस्त्यो गिरः समंजे विदथेष्वा भुवः।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.1 (कुल मन्त्र 733) (वृष्णे) वर्षा करने वाला (प्रसन्नता […]

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इतिहास के पन्नों से

जब अंबेडकर ने अपनाया था बौद्ध मत

जय मनु महाराज जय मनुस्मृति !!! (आज ही के दिन डॉ अम्बेडकर ने बौद्ध मत अपनाया था) डा.अंबेडकर के शब्दों में:- ” मैं संस्कृत भाषा का पारंगत नहीं हूं तो अपनी इस कमजोरी को स्वीकार करता हूं। परंतु मेरी समझ में ये नहीं आता है कि इस कारण मुझे इस विषय पर बोलने के लिये […]

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इसलाम और शाकाहार

इस्लाम में निकाह के मायने

निकाह यानी योनि का सौदा !! असदुद्दीन ओवैसी के बारे में सभी जानते हैं यह धूर्त व्यक्ति कट्टर जिहादी और हिन्दू द्वेषी है ,यह हिन्दुओं को नीचे दिखने के लिए कोई मौका नहीं छोडता ,आपको याद होगा कि जब संसद में तीन तलाक के बारे में बहस हो रही थी ,तो ओवैसी ने कहा था […]

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धर्म-अध्यात्म

यदि आप अपने विनाश से बचना चाहते हैं, तो आपको अभिमान और भ्रांतियों से बचना होगा।

यदि आप अपने विनाश से बचना चाहते हैं, तो आपको अभिमान और भ्रांतियों से बचना होगा। क्योंकि जब किसी व्यक्ति को अभिमान हो जाता है, तो वह उसे झुकने नहीं देता। *”अभिमान के कारण उसकी विनम्रता खो जाती है, और उसकी बुद्धि नष्ट हो जाती है। और जब किसी की बुद्धि नष्ट हो जाती है, […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के महान ऋषि और समाज सुधारक

एक महान चिकित्सक ऋषि वृंद वृंद की प्रमुख कृति का नाम है ‘सिद्धयोग’। इस ग्रंथ को पढ़ने से या भली प्रकार स्पष्ट हो जाता है कि चिकित्साशास्त्र के इतिहास में वृंद का नाम सदा अमर रहेगा। मनुष्य रसायन चिकित्सा के माध्यम से किस प्रकार अपने आप को निरोग और स्वस्थ रख सकता है ?- इस […]

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