ग्रेटर नोएडा ( विशेष संवाददाता ) अंसल सोसाइटी में चले पांच दिवसीय ऋग्वेद पारायण यज्ञ में मुख्य व्याख्याता के रूप में उपस्थित रहे अंतरराष्ट्रीय आर्य सन्यासी संत स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज ने अंतिम दिन उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री कृष्ण जी के चरित्र को बिगाड़ कर हमारे पाखंडियों ने बहुत बड़ा […]
Month: October 2024
ईश्वरप्रणिधानाद्वा- योगदर्शन- 1.23 ईश्वर के प्रति दृढ़ विश्वास, प्रेम व समर्पण से समाधि शीघ्र लग जाती है। इसके लिए शब्द प्रमाण, अनुमान प्रमाण और ईश्वर द्वारा किए जा रहे बेजोड़ उपकारों का चिन्तन करते रहना आवश्यक है। तप:स्वाध्यायेश्वरप्रणिधानानि क्रियायोग: (योगदर्शन 2.1) तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान क्रिया योग है। ध्यानं निर्विषयं मन: (सांख्य दर्शन- 6.25) […]
*”आजकल लोगों में सहनशक्ति बहुत कम हो गई है। इसीलिए छोटी-छोटी बात पर लोग आपस में झगड़ पड़ते हैं। यह अच्छा नहीं है।”* *”यदि आप अपने घर में परिवार में समाज में देश में सुख शांति से जीना चाहते हैं। तो इसके लिए एक दूसरे को समझना बहुत आवश्यक है।” “अपनी बात कहने में जल्दबाजी […]
हमारे देश की राजनीति जिस प्रकार परस्पर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बीच उलझी हुई दिखाई देती है, उसके चलते अनेक बार ऐसा आभास होता है कि जैसे देश को राजनीति के द्वारा शासित न करके सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा शासित किया जा रहा है। जब देश के लोगों ने अपने जनमत से देश को एक साफ […]
मोक्ष वाले पीपल से दिव्य अवलोकन
यह घटना बाल प्रभु के आठ वर्ष के उम्र की संबत 1845 विक्रमी की है। छपिया के नैरित्य कोण फिरोजपुर के गांव को सीमा लगती है। यहां उपवन वाटिका बहुत था। यह स्थान रेलवे स्टेशन के तरफ़ जाने वाले मार्ग पर पड़ता है। एक बार घनश्याम प्रभु झट से एक पेड़ पर चढ़ गए और […]
वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में शुक्रवार, दिनांक 18-10-2024 से बालकों/युवकों के लिए एक नये गुरुकुल का शुभारम्भ किया गया है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हमें भी कुछ समय के लिए भाग लेने का अवसर मिला। आयोजन में आर्यसमाज के प्रसिद्ध नेता स्वामी आर्यवेश जी तथा विख्यात आर्य नेता एवं विद्वान् ऋषिभक्त ठाकुर […]
“मैं बीए में पढ़ रही हूं. मैं पढ़ लिख कर आत्मनिर्भर बनना चाहती हूं, लेकिन मुझे ये नहीं पता था कि आगे भविष्य में क्या करना है? मैंने सुना है कि आज के युग में कंप्यूटर के ज्ञान के बिना भविष्य नहीं है. नौकरी मिलना संभव नहीं है. लेकिन मेरे पास इसे सीखने की कोई […]
प्र०- देवता किसे कहते है? उ०-देवो दानाद्वा, दीपनाद्वा द्योतनाद्वा , द्युस्थानो भवतीति वा । दान देने वाले देव कहाते हैं दीपन अर्थात विद्या रुपी प्रकाश करने वाले देव कहाते हैं । द्योतन अर्थात सत्योपदेश करने वाले देव कहाते हैं ।विद्वान भी विद्या आदि का दान करने से देव कहाते हैं विद्वानसो ही देवा । सब […]
द्रौपदी का केवल एक पति था-युधिष्ठिर विवाद क्यों पैदा हुआ था:- (१) अर्जुन ने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था। यदि उससे विवाह हो जाता तो कोई परेशानी न होती। वह तो स्वयंवर की घोषणा के अनुरुप ही होता। (२) परन्तु इस विवाह के लिए कुन्ती कतई तैयार नहीं थी। (३) अर्जुन ने भी इस […]
दशहरा की एक व्याख्या यह भी…
🍃 दशहरा : सर्वांगीण विकास का श्री’गणेश डॉ. सुनील सिंह गुर्जर युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष देवसेना सस्था। दशहरा की महिमा जीवन के सभी पहलुओं के विकास, सर्वांगीण विकास की तरफ इशारा करती है | दशहरे के बाद पर्वो का झुंड आयेगा लेकिन चेतन इंसान के सर्वांगीण विकास का श्रीगणेश करता है दशहरा| दशहरा : * दश […]