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आधुनिक बिहार के निर्माता और जननायक डॉ श्री कृष्ण सिंह

बिहार की धरती प्राचीन काल से ही विश्व समाज का बौद्धिक और राजनीतिक नेतृत्व करने में समर्थ रही है। भारत की सांस्कृतिक संपदा को समृद्ध करने में इस प्रांत का विशेष योगदान रहा है। इसके साथ ही साथ विश्व को राजनीतिक नेतृत्व के माध्यम से भारत के वसुधैव कुटुंबकम के शाश्वत संदेश को दूर-दूर तक […]

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आर्थिकी/व्यापार

वन नेशन वन इलेक्शन आज के भारत की आवश्यकता

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत में लोकसभा एवं विभिन्न प्रदेशों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही होते रहे हैं। परंतु केंद्र सरकार द्वारा कुछ विधानसभाओं को 1950 एवं 1960 के दशक में इनकी अवधि समाप्त होने के पूर्व ही भंग करने के चलते कुछ विधानसभाओं के चुनाव लोकसभा से अलग कराने की आवश्यकता पड़ी […]

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पुण्य भूमि है भारत भूमि

बृहस्पति आगम में एक श्लोक है, “हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्, तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते”। जो स्पष्ट कहता है कि “हिमालय से प्रारंभ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव निर्मित देश “हिन्दुस्थान” कहलाता है। इसके अतिरिक्त “विष्णु पुराण” में इसी “भरत भूमि” पर जन्म लेने को लालायित देवतागण भी इसका यश गान […]

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बुजुर्गों के स्वास्थ्य सुविधा का ख्याल रखना भी जरूरी है

शबनम कुमारी पटना, बिहार हमारे समाज के निर्माण में बच्चे, युवा, महिलाओं, किशोरियों और बुज़ुर्गों सभी का विशेष महत्व है. लेकिन इनमें बुजुर्गों की भूमिका और स्थिति कुछ विशेष होती है क्योंकि उन्हें अनुभव और ज्ञान का स्रोत माना जाता, जो न केवल परिवार बल्कि समाज को दिशा देने में भी सहायक सिद्ध होते हैं. […]

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भारतीय संस्कृति

गायत्री मंत्र अर्थ सहित

ओ३म् भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। ओ३म् -हे सर्व रक्षक परमेश्वर आप मेरी रक्षा कर रहे हो आपकी रक्षा से ही सुरक्षित हूँ कृपा मेरी रक्षा करते रहो। भू -आप प्राण को देने वाले हो भव- दुख दुर करने वाले स्व- सुखों व आनन्द को देने वाले हो तत् – […]

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बिखरे मोती

हृदय को संवेदना, जब बनती हैं भाव।

‘विशेष ‘ -भाव जब अश्रु बनते हैं:- हृदय को संवेदना, जब बनती हैं भाव। नयनों में अश्रु बनें , मिट जाता दुर्भाव॥2719॥ भाव कर्म की आत्मा है, कैसे ? कर्म की आत्मा भाव , इसके बहु आयाम। हाथ उठे प्रहार को, कभी करे प्रणाम॥2720॥ तत्त्वार्थ :- इस संसार में प्राय यह देखा जाता है मन, […]

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आज का चिंतन

बद्री विशाल –(बद्रीनाथ का मंदिर)* (बद्रीनाथ, केदारनाथ ,विश्वनाथ ,जगन्नाथ आदि के मंदिर की वास्तविकता )

* मैंने कई स्थानों पर लिखा देखा “जय बद्री विशाल”, इसको पढ़ने के बाद बदरीनाथ भगवान के विषय में जानने की उत्सुकता हुई । तब मालूम हुआ कि इससे मिलते जुलते और भी नाम है जैसे कि केदारनाथ ,विश्वनाथ ,जगन्नाथ आदि । प्रश्न हैं कि क्या ये सभी एक ही ईश्वर के नाम है या […]

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उगता भारत न्यूज़

बेशर्म युवराज के नाम एक मेल

श्रीमान राउल विन्ची उर्फ़ शहजादे उर्फ़ युवराज आपको आपके असली नाम से इसलिए सम्बोधित कर रहा हूँ , कि शायद झूठ बोल बोल कर अब तक आप अपना असली नाम भी न भूल गए हों .और यद्यपि भारत के लोग आप के नाम से इतनी नफ़रत करते हैं कि आपका नाम लेना भी पाप समझते […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

शास्त्री जी की जयंती पर विशेष : गोदी मीडिया, नेहरू ,शास्त्री और इंदिरा गांधी

नेहरू जी के समर्थक उनको ‘बेताज का बादशाह’ कहा करते थे। उनके समर्थक ‘गोदी मीडिया’ के पत्रकारों ने उन्हें इसी प्रकार स्थापित भी किया था। तब कहीं किसी ने यह नहीं कहा था कि ‘ बेताज का बादशाह ’ शब्द अपने आप में तानाशाही प्रवृत्ति को प्रकट करता है। जिसमें शासक की स्वेच्छाचारिता ,निरंकुशता और […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति भाग- 348 जाति,आयु और भोग

(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. कि न्तु वैदिकों के मत से ये दोनों दलीलें जिज्ञासु को उलझन में डालकर मोक्ष के अनुदान ही से उपेक्षा दिलानेवाली […]

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