वेदों को समझने के लिए मार्गदर्शक पुस्तकें- 1- मैक्समूलर द्वारा वेदों का विकृतिकरण 2- वेदों को जाने दोनो पुस्तक ₹425 (डाक खर्च सहित) मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप करें। जब मैक्समूलर आदि पश्चिमी विद्वानों के वेद भाष्य उपलब्ध थे तो स्वामी दयानंद द्वारा नवीन वेद भाष्य करने जैसा श्रमसाध्य कार्य क्यों किया गया? समाधान- […]
महीना: अक्टूबर 2024
डॉ डी के गर्ग वशिष्ठ एक नहीं अनेको है :-पौराणिक ग्रंथो में और उपलब्ध साहित्य के अनुसार वशिष्ठ एक नहीं अनेको है। एक वशिष्ठ ब्रह्मा के पुत्र हैं, दूसरे इक्क्षवाकुवंशी त्रिशुंकी के काल में हुए जिन्हें वशिष्ठ देवराज कहते थे। तीसरे कार्तवीर्य सहस्रबाहु के समय में हुए जिन्हें वशिष्ठ अपव कहते थे। चौथे अयोध्या के […]
शिवाजी महाराज का शासन और व्यक्तित्व (अध्याय-04) 16 74 तक छत्रपति शिवाजी महाराज अपने लिए पर्याप्त क्षेत्र को जीत चुके थे। जिसके आधार पर वह अपने आप को राजा घोषित कर सकते थे और अब उन्होंने इसी दिशा में सोचना आरंभ भी कर दिया था। उधर मुगल सत्ता उन्हें राजा मानने को तैयार नहीं थी। […]
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ बौद्धों के काल में ही बृहस्पति नाम का एक आचार्य हुआ जिसने पुनर्जन्म परमात्मा को नकारते करते हुए कहा की कोई अगला पिछला जन्म नहीं होता यही एक मात्र जन्म है। इसलिए ‘जब तक जियो सुख से जियो ,ऋण लेकर घी पियो ‘ आचार्य बृहस्पति की यह चारु वाक अर्थात […]
दिलीप मंडल- लेबनान सत्तर साल में ईसाई बहुल राष्ट्र से मुसलमान बहुल राष्ट्र बन गया। ईसाई अपने देश में अल्पसंख्यक बन गए। लेबनान में ये ग़लतियाँ हुईं। मुसलमान रिफ्यूजी को आने देना, तुष्टिकरण और दबाव में लगातार पीछे हटना, हिंसा से बचने के लिए छूट देना वामपंथियों का मुसलमानों के साथ आना, ईसाइयों के आपसी […]
लेखक- पं० वीरसेन वेदश्रमी प्रस्तोता- #डॉविवेकआर्य, प्रियांशु सेठ यज्ञ में मन्त्रोच्चारण कर्म के साथ आवश्यक है- महर्षि स्वामी दयानन्द जी ने यज्ञ की एक अत्यन्त लघु पद्धति या विधि हमें प्रदान की जो १० मिनट में पूर्ण हो जावे। उसमें मन्त्र के साथ कर्म और आहुति का योग किया। बिना मन्त्र के यज्ञ का कोई […]
============ देश की आजादी के लिये अपने जीवन का बलिदान देने वाले ठाकुर रोशन सिंह जी का जन्म बसन्त पंचमी सन् 1891 को ग्राम नवादा जिला शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश के एक राजपूत जागीरदार परिवार में हुआ था। सन् 1901 में उन्होंने ग्राम में ही कक्षा चार पास कर ली थी। रोशन सिंह जी का 13 […]
संकलन:आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी ( फोटो प्रतीकात्मक) स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायी कृष्णावतार को सर्वोच्च भगवान मानते हैं। ये वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी हैं। ये समाज के सभी वर्गों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखते और अपने निजी सेवक के रूप में नियुक्त करते हैं तथा साथ साथ भोजन करते हैं। घनश्याम स्वामी नारायण अपना घर […]
डॉ डी के गर्ग गणेश को लेकर अनेकों नाम प्रचलित है जैसे की गणपति, विनायक, गजानन, गणेश्वर, गौरीनंदन, गौरीपुत्र, गणधिपति, सिद्धिविनायक, अष्टविनायक, बुद्धिपति, शुभकर्ता, सुखकर्ता, विघ्नहर्ता,महागणपति आदि। ये सभी नाम एक दुसरे के पर्याय हो सकते है और नहीं भी । लेकिन गणेश के वास्तविक स्वरूप और स्तुति को लेकर जितनी भ्रांतिया है भ्रांतिया भारतीय […]
देखा गया है की आजकल मुसलामन किसी भी सार्वजनिक जगह रेलवे प्लेटफार्म बीच रास्ते या भीड़भाड़ चौराहे पर इकट्ठे हो जाते हैं और उठक बैठक करने लगते ऐसे नाम्माज पढ़ना और अपना संवैधानिक अधिकार बताते है और इसी भी जगह पर कब्ज़ा करके मस्जिद बना देते है इसलिए पहले नमाज क्या है और उसका उद्देश्य […]