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कविता

सज्जन की पहचान है, कड़‌‌वाहट पी जाय।

आओ, बादल से भी कुछ सीखें : – सज्जन की पहचान है, कड़‌‌वाहट पी जाय। खारा जल मीठा करे , जब अम्बुद बन जाय॥ अम्बुद – अर्थात, बादल॥2723॥ तत्त्वार्थ – भाव यह है कि समुद्र का जल खारा होता है किन्तु सूर्य की तेज रश्मियाँ जब उसे वाष्प में परणित करती हैं, तो वह ऊपर […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति- 350 जाति, आयु और भोग

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे … इसी तरह बिना दुःखों को हटाए और बिना परमात्मा को प्राप्त किये आनन्द भी नहीं मिल सकता । न्यायशास्त्र मैं गौतम […]

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महत्वपूर्ण लेख

बहराइच के जिस घर में हुई रामगोपाल मिश्र की हत्या वहां मिले खून के धब्बे और कांच की बोतलें

बहराइच के जिस घर में हुई राम गोपाल मिश्रा हत्या, वहाँ खून के धब्बे-काँच की बोतलें : बिजली के झटके देकर भी किया टॉर्चर, अब्दुल हमीद की लाइसेंसी बंदूक से मारी गोली; घर पर बुलडोज़र ही नहीं हर सरकारी सुविधा भी इन जालिमों की छीनी जाए रामगोपाल मिश्रा (दाएँ) और अब्दुल हमीद की छत पर […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या श्री राम ने दशहरा के दिन रावण को मारा था ?

हमारे यहां दीपावली का पर्व सृष्टि के प्रारंभ से ही मनाया जाता रहा है। इस पर्व का विशेष महत्व है। दीपों का यह प्रकाश पर्व हमारे अंत: करण में व्याप्त अज्ञान अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश करने का प्रतीक पर्व है। हमारे यहां पर प्रत्येक सद्गृहस्थ के लिए आवश्यक था कि घर में अग्नि […]

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पर्व – त्यौहार

दशहरे पर मूक पशु भैंसों की हत्या रोकने का महर्षि दयानन्द का प्रयास

स्वामी दयानन्द जी सितम्बर, 1882 में मेवाड़ उदयपुर के महाराजा महाराणा सज्जन सिंह के अतिथि थे। नवरात्र के अवसर पर वहां भैंसों का वध रोकने की एक घटना घटी। स्वामी जी मूक पशुओं के वकील बने—जब विजयादशमी पर्व आया तो स्वामी जी बग्घी पर बैठकर दशहरा देखने गये तो नवरात्र पर्व पर बलि के लिए […]

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भारतीय संस्कृति

स्वामी नारायण छपिया के पूर्वज सती जीवराणी देवी की समाधि (छतरी)

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी छतरी का आशय छतरी का आशय मृत्यु-स्मारक/समाधि से होता है । यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है- एक छोटे आकार की छतरी और दूसरा उससे थोड़ी विशाल और एक श्रेणी ऊपर देवल या मंदिर के रुप आकर की संरचना। देवल अति-महत्वपूर्ण व्यक्तियों योद्धाओं और लोक-देवी – देवताओं की स्मृति में […]

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पर्व – त्यौहार

ओ३म् “विजया-दशमी दशहरा पर्व और रावण के वध की यथार्थ तिथि”

============ प्रत्येक वर्ष भारत व देशान्तरों में जहां भारतीय रहते हैं, आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी को दशहरा पर्व मनाते हैं। इस पर्व से यह घटना जोड़ी जाती है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अधर्म के पर्याय लंका के राजा रावण का वध किया था। क्या यह तिथि वस्तुतः रावण वध की […]

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भारतीय संस्कृति

वेदों में मनोवैज्ञानिक रोगों का निदान

#डॉविवेकआर्य, शिशु रोग विशेषज्ञ, दिल्ली आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। कुछ वर्षों पहले तक शारीरिक रोगों की शिक्षा ग्रहण करने में चिकित्सकों का ध्यान अधिक था जबकि वर्तमान में स्थिति बदल रही है। शारीरिक रोगों के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य संबधित बीमारियों से मनुष्य पीड़ित दिख रहा हैं। जैसे जैसे मनुष्य आर्थिक रूप से […]

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आज का चिंतन

वायु और विद्युत की भौतिक संसार में क्या भूमिका है?

वायु और विद्युत की आध्यात्मिक पथ पर क्या भूमिका है? सर्वोच्च चेतना तक पहुँचने में हमारे श्वास, हमारे मेरूदण्ड और ज्ञान के प्रकाश की क्या भूमिका है? ईशानकृृतो धुनयो रिशादसो वातान्विद्युतस्तविषीभिरक्रत। दुहन्त्यूधर्दिव्यानि धूतयो भूमिं पिन्वन्ति पयसा परिज्रयः ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.5 (कुल मन्त्र 737) (ईशानकृृतः) सुख-सुविधाओं को उपलब्ध कराने वाले (धुनयः) कंपित करते हैं (रिशादसः) […]

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आज का चिंतन

*मंत्र साधना –कष्ट निवारक या कुछ और? भ्रान्ति निवारण*

डॉ डी के गर्ग निवेदन =अपने विचार बताये ,शेयर करे और अंधविस्वास से दूर रहने का संकल्प ले। पौराणिक मान्यता :–मंत्र साधना क्या है ?मं‍त्र से किसी देवी या देवता को साधा जाता है। मंत्र का अर्थ है मन को एक तंत्र में लाना। मन जब मंत्र के अधीन हो जाता है तब वह सिद्ध […]

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