(ऋषि निर्वाण दिवस) पावन पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ! एवं क) संक्षिप्त जीवन-परिचय स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म- नाम मूलशंकर था। उनका जन्म 12 फरवरी 1824 में टंकारा ( काठियावड़, मौरवी राज्य– गुजरात) में हुआ। उनके पिता श्रीकर्षणजी तिवाड़ी, शिवभक्त औदीच्य ब्राह्मण थे। सन् 1834 में मूलशंकर ने पिता के आदेश पर, शिवरात्रि का […]
Month: October 2024
*बंदे में था दम*!
लेखक आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा 🖋️। 354 साल पहले आज ही के दिन 27 अक्टूबर 1670 को राजौरी जम्मू कश्मीर के एक साधारण क्षत्रिय परिवार में एक बालक का जन्म हुआ उस बालक की उम्र जब 15 वर्ष की हुई तो उसके हाथों एक गर्भवती हिरणी का शिकार हो गया पश्चाताप के कारण वह […]
(डॉ. रामसिया सिंह पटेल- विनायक फीचर्स) सरदार वल्लभ भाई पटेल कुशल राजनीतिज्ञ तो थे ही, उनमें अद्भुत प्रशासनिक पटुता भी थी। जुलाई 1947 से भारत की अन्तरिम सरकार मेें वे देशी राज्यों के मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। स्वतंत्र भारत में सरदार पटेल ने भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं […]
============= देश भर में व विदेश में भी जहां भारतीय आर्य हिन्दू रहते हैं, वहां कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपवली का पर्व मनाया जाता है। अमावस्या के दिन रात्रि में अन्धकार रहता है जिसे दीपमालाओं के प्रकाश से दूर करने का सन्देश दिया जाता है। इस दिन ऐसा क्यों किया जाता है, इसका […]
सामाजिक एकता का पर्व दिवाली*
सामाजिक एकता का पर्व दिवाली* सुरेश हिन्दुस्थानी भारत के त्यौहारों की विशेषता यह है कि यह सामाजिक एकता के अनुपम आदर्श हैं। इसी भाव के साथ प्राचीन काल से यह पर्व हम सभी मनाते चले आ रहे हैं। वर्तमान में पर्वों का यह शाश्वत भाव आज भी प्रचलन मे है। दीपावली के त्यौहार पर भी […]
मुम्बई: महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200वें जन्मदिन और आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में, भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा घोषित द्विवार्षिक “ज्ञानज्योति पर्व” के अन्तर्गत एक ऐतिहासिक पहल की गई। आर्य प्रतिनिधि सभा मुम्बई के प्रधान श्री वेदप्रकाश गर्ग, आर्य वैदिक विद्वान पण्डित नागेश चन्द्र शर्मा, स्थानीय विधायक श्री […]
=========== ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चौथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम इस अध्याय से […]
स्वाधीन भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। उन्होंने भारत के स्वाधीनता आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। गांधी जी के आवाहन पर वह अपने विधि व्यवसाय को छोड़कर स्वाधीनता आंदोलन में सम्मिलित हुए थे। यद्यपि वह गांधी जी की कांग्रेस में अपने […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्य कहलाते हैं। मनुष्य कहलाने का कारण परमात्मा द्वारा हमें बुद्धि व ज्ञान का दिया जाना तथा हमें उस ज्ञान को प्राप्त होकर मननपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्धारणकर उन्हें करना होता है। सभी मनुष्य ऐसा नहीं करते। देश व विश्व की अधिकांश जनता को यही नहीं पता कि मनुष्य, मनुष्य […]
दैवी-सम्पद साथ जा, लौकिक यहीं रह जाय।
स्वर्ग का प्रवेश-द्वार किन के लिए खुला है :- दैवी-सम्पद साथ जा, लौकिक यहीं रह जाय। भजन – भलाई रोज कर, तभी स्वर्ग को पाय॥2726॥ पूर्व-जन्म के तप को कौन नष्ट करता है :- अहंकार के कारणै, पिछला तप घट जाय। धन-यश भी घटने लगै, होंसला टूटता जाय॥2727॥ पूर्व-जन्म का तप पुनः प्रभावी कब होता […]