* डॉ डी के गर्ग भाग-3 देव पूजा क्या है और कैसे की जाती है ? देवता दो प्रकार के होते है जिनकी पूजा को देव पूजा कहते है। ये है — १ चेतन देवता और २ जड़ देवता चेतन देवता के अंतर्गत माता ,पिता और आचार्य, संत, अतिथि आदि आते है। इनकी पूजा कैसे […]
Month: September 2024
डॉ राकेश कुमार आर्य उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने ताजमहल को एक मंदिर भवन कहकर एक बहस को जन्म दिया है। इस पर कई विद्वानों ने इतिहास और ऐतिहासिक तथ्यों की पुनर्समीक्षा करनी आरंभ कर दी है। इस विषय पर पूर्व में कई विद्वानों ने बहुत अच्छा प्रकाश डाला है और […]
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतर चुकी है। पार्टी को जहां सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अपने कुछ उन विधायकों का भी तीखा विरोध झेलना पड़ रहा है, जिन्हें पार्टी ने विधानसभा चुनाव की दौड़ से बाहर कर दिया है अर्थात […]
*’दुर्योधन’ और ‘युधिष्ठिर’ दोनों ही नामों में ‘युद्ध’ शब्द आता है। ‘दुर्योधन’ वह है जो बुरी तरह से युद्ध करता है अर्थात् जीवन के समर क्षेत्र में युद्ध जीतने के लिए नैतिक- अनैतिक किसी भी प्रकार के आचरण को करने के लिए सदैव तत्पर रहता है। जबकि ‘युधिष्ठिर’ वह है जो युद्ध जैसी भयंकर परिस्थितियों […]
*हिन्दी दिवस मनाना बहुत ही लज्जा जनक विषय।*
(१४ सितम्बर हिन्दी-दिवस पर विशेष) – आचार्य राहुलदेवः वैसे तो अपनी मातृभाषा, अपनी राजभाषा और अपनी राष्ट्रभाषा से सबको लगाव और स्वाभिमान होता है। परन्तु भारत जैसा विरला देश भी है इस धरा पर जो वर्तमान समय में इसका पर्याय बना हुआ है। जिसकी अभी तक कोई भी राष्ट्रभाषा नहीं है। भारत का निवासी न […]
डॉ. ज्वलन्त कुमार शास्त्री मो. 7303474301 ऋषि दयानंद की वास्तविक और प्रामाणिक जन्मतिथि वि. सं. 1881 फाल्गुन बदि 10 शनिवार तदनुसार 12 फरवरी 1825 ई. है। स्वामी दयानंद की कल्पित जन्म कुंडली जियालाल जैनी ने 1890 से लेकर 1894 तक प्रसारित की थी। जिसके अनुसार स्वामी जी की जन्मतिथि 2 सितंबर 1824 ई.थी। बाद में […]
मुहम्मद और मुसलमान यह ऐसे दो शब्द हैं जिनको सभी लोग जानते हैं क्योंकि इनका सम्बन्ध इस्लाम और आतंकवाद से है ,लेकिन अधिकांश लोग नहीं जानते की इस्लाम से पहले अरब में किसी का नाम मुहम्मद नहीं था इसी तरह पूरी कुरान और हदीस की किताबों में मुसलमान शब्द नहीं है ,कुरान में कई जगह […]
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द जी का बलिदान 141 वर्ष पूर्व हुआ था। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने अनेक कार्य किये हैं जिनसे समाज एवं राष्ट्र को लाभ पहुंचा है। ऋषि दयानन्द को हम इसलिये भी स्मरण करते हैं कि उन्होंने हमें असत्य का परिचय कराकर सत्य ज्ञान, सत्य सिद्धान्त व […]
सुखराम जयपुर, राजस्थान देश की मूलभूत आवश्यकताओं और बुनियादी ढांचों में अन्य विषयों के साथ साथ स्वास्थ्य का मुद्दा भी सर्वोपरि रहा है. विशेषकर बच्चों, महिलाओं और किशोरियों का स्वास्थ्य सेवाओं तक पूरी तरह से पहुंच की बात की जाए तो आज भी यह अपेक्षाकृत कम नजर आता है. ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी स्लम बस्तियों […]
चीन से आगे निकलता भारत
अर्थ के कई क्षेत्रों में आज भी पूरे विश्व में चीन का दबदबा कायम है जैसे चीन विनिर्माण के क्षेत्र में विश्व का केंद्र बना हुआ है। विशेष रूप से तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं (इमर्जिंग देशों) के शेयर बाजार के आकार के मामले में भी चीन का दबदबा लम्बे समय से कायम रहा है। […]