यदि करनी है तो सुप्रीम कोर्ट में सबके सामने थूक मिला खाना खाइए और पेशाब मिला जूस पीजिए सुभाष चन्द्र कांवड़ यात्रा के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय लिया कितना तुष्टिकरण प्रेरित था, कभी अपने निर्णय पर शायद पछतावा नहीं किया। जिन हिन्दू नामों से चल रहे ढाबों और रेस्टोरेंट के मालिकों के गैर-मुस्लिमों […]
महीना: सितम्बर 2024
* डॉ डी के गर्ग विवाह पूर्व जन्म पत्री मिलाने का रिवाज सिर्फ भारत में ही है ,आज भी पढ़ी लिखी जनता अनपढ़ पंडितों के जाल से बहार नहीं निकल पाती है ,ये पंडित जन्म तिथि और समय देखकर ये तो बता देते है की कुल ३६ में २४ गुण मिल गए लेकिन ये कभी […]
मनोज ज्वाला भारतीय संविधान से धारा तीन सौ सत्तर को निरस्त करते हुए जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर उसे केन्द्र-शासित बना दिए जाने के बाद वहां हो रहे विधानसभा-चुनाव में जब कांग्रेस एवं नेशनल कांफ्रेंस की ओर से अपने अपने चेहरे धोए -चमकाए जा रहे हैं , तब ऐसे में भाजपा को चाहिए कि […]
समग्र पर्यटन का केंद्र है मध्यप्रदेश – लोकेन्द्र सिंह भारत का ह्रदय ‘मध्यप्रदेश’ अपनी नैसर्गिक सुन्दरता, आध्यात्मिक ऊर्जा और समृद्ध विरासत के चलते सदियों से यात्रियों को आकर्षित करता रहा है। आत्मा को सुख देनेवाली प्रकृति, गौरव की अनुभूति करानेवाली धरोहर, रोमांच बढ़ानेवाला वन्य जीवन और विश्वास जगानेवाला अध्यात्म, इन सबका मेल मध्यप्रदेश को भारत […]
#VIJAYMANOHARTIWARI वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब और रोमिला थापर को कुछ समय पहले एक चिट्ठी लिखी थी। मैंने उन्हें लिखा है कि आज इतिहास को लेकर भारतीयों में पहले से ज्यादा जागरूकता है। इंटरनेट ने तथ्यों को उजागर करने में बहुत मदद की है। आखिर ऐसा क्या सच सामने आ गया है कि एक समय इतिहास […]
✍🏻 लेखक – महामहोपाध्याय पण्डित युधिष्ठिर मीमांसक जी प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ स्वामी दयानन्द सरस्वती के समय वेदविषयक प्रचलित मान्यता के परिप्रेक्ष्य में यह जानना आवश्यक है कि उन्होंने वेदों का जो स्वरूप जनता एवं विद्वानों के समक्ष उपस्थापित किया, उसका परिज्ञान उन्हें कहाँ से और कैसे प्राप्त हुआ ? बाल्यावस्था में उन्होंने घर में […]
============ पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद वेदों का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। वेदों के विलुप्त होने के कारण ही संसार में मिथ्या अन्धविश्वास, पक्षपात व दोषपूर्ण सामाजिक व्यवस्थायें फैली हैं। इससे विद्या व ज्ञान में न्यूनता तथा अविद्या व अज्ञानयुक्त मान्यताओं में वृद्धि हुई है। आश्चर्य होता है कि सत्य […]
हमारा उद्देश्य लोगों को किसी चमत्कार पर विश्वास करके अंधविश्वासी बनाना नहीं है , परन्तु हम लोगों से पूछते हैं कि बताएं ,जिस व्यक्ति का बाप जिन्दगी भर पीतल के बर्तनों का धंदा करता रहा हो ,और जो व्यक्ति खद एक गैरेज में मेकेनिक का काम करता हो , और न जिस व्यक्ति के पास […]
भारत के इतिहास के बारे में जब हम पढ़ना आरंभ करते हैं तो भारत से द्वेष रखने वाले इतिहासकारों के द्वारा ऐसा आभास कराया जाता है कि जैसे पिछले 2000 वर्ष से पूर्व का भारत का सारा अतीत अंधकार का है। पढ़ने से कुछ ऐसा लगता है कि जैसे भारत के पास ऐसा कुछ भी […]
नई दिल्ली। ( नागेश कुमार आर्य ) यहां स्थित मैक्सफोर्ट विद्यालय द्वारिका में हिंदी पखवाड़ा संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता और सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि हिंदी ,हिंदू, हिंदुस्तान और भारत, भारती, भारतीय तथा आर्य, आर्य […]