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आज का चिंतन

श्रावणी पर्व, उपाकर्म , वेदारंभ संस्कार क्या होते हैं?

श्रावणी उपाकर्म स्वाध्याय का पावन पर्व है। विद्वानों द्वारा पवित्र यज्ञोपवीत का महत्व इसी दिन को समझाया तथा बताया है। आज भी यज्ञोपवीत धारण करना बहुत आवश्यक है ।प्राचीन काल में हमारे पूर्वज यज्ञोपवीत धारण करते थे। यज्ञोपवीत की परंपरा वीर शिवाजी ने आयु पर्यंत निभाई थी। शिवाजी की भांति अनेक क्षत्रियों ने यज्ञोपवीत धारण […]

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इतिहास के पन्नों से

मालाबार और आर्यसमाज

1921 में केरल में मोपला के दंगे हुए। मालाबार में रहने वाले मुसलमान जिन्हें मोपला कहा जाता था मस्जिद के मौलवी के आवाहन पर जन्नत के लालच में हथियार लेकर हिन्दू बस्तियों पर आक्रमण कर देते हैं। पहले इस्लाम ग्रहण करने का प्रलोभन दिया जाता हैं और हिन्दुओं की चोटी-जनेऊ को काट कर अपनी जिहादी […]

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संपादकीय

लैटरल एंट्री स्कीम पर राहुल गांधी का विलाप

18 वीं लोकसभा के चुनावों के समय विपक्ष और विशेष रूप से राहुल गांधी ने जिस प्रकार की घटिया राजनीति का प्रदर्शन किया, उस पर अब तक बहुत कुछ लिखा जा चुका है। जनता में भ्रम फैलाकर जिस प्रकार उन्हें सरकार के विरुद्ध भड़काने का काम राहुल गांधी ने किया , उसके परिणाम अभी हमें […]

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पर्व – त्यौहार

ओ३म् “रक्षा बन्धन अन्याय न करने और अन्याय पीढ़ितों की रक्षा करने का संकल्प लेने का पर्व है”

============ प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बन्धन का पर्व सभी सुहृद भारतीयों द्वारा विश्व भर में सोत्साह मनाया जाता है। समय के साथ प्रत्येक रीति रिवाज व परम्परा में कुछ परिवर्तन होता रहता है। ऐसा ही कुछ परिवर्तन रक्षा बन्धन पर्व में हुआ भी लगता है। भारत में मुस्लिम काल में […]

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पर्व – त्यौहार

स्वामी श्रद्धानन्दजी की कलम से- रक्षाबन्धन का संदेश

[‘रक्षाबन्धन’ पर्व पर विशेष रूप से प्रकाशित ] माता का पुत्र पर जो उपकार है उसकी संसार में सीमा नहीं। यही कारण है कि हर समय और हर देश में मातृशक्ति का स्थान अन्य शक्तियों से ऊंचा समझा जाता है। जहां ऐसा नहीं है वहां सभ्यता और मनुष्यता का अभाव समझा जाता है। जब वह […]

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पर्व – त्यौहार

#श्रावणी-उपाकर्म, -ऋषि-तर्पण, -वेद-स्वाध्याय -यज्ञोपवीत -जनेऊ धारण पर्व भी है

१) श्रावणी उपाकर्म – “श्रावण” शब्द का अर्थ सुनना और श्रावणी जिसका अर्थ होता है सुनाये जाने वाली। क्या सुनाये जाने वाली? जिसमें वेदों की वाणी को सुना जाये। वह “श्रावणी” कहाती है। अर्थात् जिसमें निरन्तर वेदों का श्रवण और स्वाध्याय और प्रवचन होता रहे। वह श्रावणी है।इस लिए इस महीने का नाम ही श्रवण […]

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आज का चिंतन

परमात्मा के सर्वोच्च लक्षण क्या हैं?

परमात्मा के सर्वोच्च लक्षण क्या हैं? मनुष्यों की सर्वमान्य कामनाएँ क्या हैं? मनुष्यों की सर्वमान्य कामनाओं को कौन पूर्ण कर सकता है? कौन वास्तविक मनुष्य है? प्र मन्महे शवसानाय शूषमाङ्गूषं गिर्वणसे अङ्गिरस्वत्।सुवृक्तिभिः स्तुवत ऋग्मियायाऽर्चामार्कं नरे विश्रुताय।। ऋग्वेद मन्त्र 1.62.1 (कुल मन्त्र 711) (प्र मन्महे) पूर्ण रूप से मनन करते हैं और प्रार्थना करते हैं (शवसानाय) […]

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आज का चिंतन

वैदिक यज्ञ मीमांसा

इस पुस्तक के लिखने का तात्पर्य मात्र यही है कि हमारे समाज में यज्ञ करने की विधि में विविधता पाई जाती है, कहीं एकरूपता नहीं दिखाई देती अतः इसके सुधार हेतु यह प्रयास है। सर्वविदित है कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में हर शुभ कार्य का श्रीगणेश अर्थात् शुभारम्भ यज्ञ-कर्म से किया जाता है। खेद […]

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भाषा

कितनी उपयोगी है हिन्दी में तकनीकी शिक्षा*

(विवेक रंजन श्रीवास्तव-विभूति फीचर्स) राष्ट्र की प्रगति में तकनीकज्ञों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। सच्ची प्रगति के लिये अभियंताओं और वैज्ञानिकों का राष्ट्र की मूल धारा से जुड़ा होना अत्यंत आवश्यक है। हमारे देश में आज भी तकनीकी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। इस तरह अपने अभियंताओं पर अंग्रेजी थोप कर हम उन्हें न केवल […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत तो स्वतंत्र हो गया. विभाजित होकर..!  परन्तु अब आगे क्या..? 

दुर्भाग्य से गांधीजी ने मुस्लिम लीग के बारे में जो मासूम सपने पाल रखे थे, वे टूट कर चूर चूर हो गए. गांधीजी को लगता था, की ‘मुस्लिम लीग को पकिस्तान चाहिये, उन्हें वो मिल गया. अब वो क्यों किसी को तकलीफ देंगे..?’ पांच अगस्त को ‘वाह’ के शरणार्थी शिबिर में उन्होंने यह कहा था, […]

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