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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

देश की राजनीतिक साख और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मामला

तनवीर जाफरी तनवीर जाफ़री पड़ोसी देश बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की आवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में व्यापक हिंसा हुई । वहां नौकरियों में विवादित आरक्षण व्यवस्था पर हुये राष्ट्रव्यापी विरोध तथा अपनी सरकार के विरुद्ध हुए व्यापक हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख़ हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर 5 […]

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देश विदेश

आखिर हिंडनबर्ग के भारत को लेकर इरादे क्या हैं ?

डॉ.रामकिशोर उपाध्याय हिंडनबर्ग इन दिनों भारत के पीछे पड़ी हुई है | वह भारत में आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न कर लाभ कमाने की जुगाड़ में है | पिछले वर्ष जनवरी माह में अमेरिका की इसी शॉर्टसेलिंग कंपनी ने अडाणी समूह के शेयरों में हेरा-फेरी की आशंका वाली रिपोर्ट जारी कर भारतीय बाज़ार में तूफ़ान खड़ा कर […]

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विधि-कानून

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और धीमी न्यायिक प्रक्रिया

प्रियंका सौरभ धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर, हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए। महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान करती हैं। अक्सर, मामले या तो दर्ज नहीं किए जाते […]

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सैर सपाटा

अंग जनपद की प्रख्यात लोकगाथा बिहुला बिषहरी और लोक कला ‘मंजूषा चित्रकला’*

* (कुमार कृष्णन-विनायक फीचर्स) बिहार की मिट्टी कला और साहित्य की दृष्टि से काफी उर्वर रही है। अनेक लोक कलाओं का जन्मदाता है बिहार। ऐसी ही एक कला है’मंजूषा चित्रकला’,जो अंग जनपद की प्रख्यात लोकगाथा बिहुला-विषहरी पर आधारित है,जिसे लोग मंजूषा शिल्प भी कहते हैं। यह राज्य की प्राचीन लोक कलाओं में से एक है। […]

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पुस्तक समीक्षा

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास , भाग – 1 ‘ वह थमे नहीं हम थके नहीं ‘

लेखक ने सन 712 ईस्वी से लेकर 1947 तक का 1235 वर्ष का भारत का स्वाधीनता संग्राम एक अनुपम और अद्वितीय ढंग से प्रस्तुत किया है। लेखक की मान्यता है कि भारतवर्ष कभी गुलाम नहीं रहा। तथाकथित गुलामी एक मतिभ्रम है। वास्तविकता यह है कि भारत अपनी स्वाधीनता की रक्षा के लिए पहले दिन से […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

छुआछूत की राजनीति से तौबा

छुआछूत को कुछ खास आग्रह के साथ गलत रंग दिया जा रहा है जो चिंता जनक है तथा सजगता की मांग करता है। जो लोग छुआछूत का आरोप लगाते हैं, वे भी छुआछूत मानते हैं। दरअसल यह सफाई, स्वच्छता और दैहिक पवित्रता से संबंधित विषय है। आज भी अगर कोई पूजा करने हेतु घर के […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “जीवात्मा, ईश्वर और प्रकृति के समान अनादि, नित्य व अविनाशी सत्ता है”

========= हम दो पैर वाले प्राणी हैं जो ज्ञान प्राप्ति में सक्षम होने सहित बुद्धि से युक्त मनुष्य कहाते हैं। हमारा शरीर भौतिक शरीर है। हमारा शरीर पंचभूतो अग्नि, वायु, जल, पृथिवी व आकाश से मिलकर बना है। पंचभूतों में से किसी एक व सभी अवयवों में चेतन होने का गुण नहीं है। यह पांच […]

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पर्व – त्यौहार

औपचारिकताओं के मकड़जाल में फंसते जा रहे राष्ट्रीय पर्व

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर विशेष-       – सुरेश सिंह बैस शाश्वत    भारत के लिये अगस्त का महीना अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी माह में 15 अगस्त स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसके लिये असंख्य लोगों ने अपने जीवन का त्याग व बलिदान किया था। इन शहीदों के आजादी के प्रति योगदान […]

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इतिहास के पन्नों से

आजादी के साथ विभाजन की विभिषिका का दर्द नहीं भूल सकते देशवासी  

14 अगस्त विभाजन विभीषिका दिवस पर विशेष-          – सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”  भारत विभाजन का दौर देश और देश के लोगों के लिए सबसे कष्ट वाला दौर था। अनगिनत लोगों को अपना घर, जमीन सब कुछ छोड़ना पड़ा। और अपने ही देश में शरणार्थी बन कर रहना पड़ा। लूट-पाट और कत्लेआम की भयानक स्थिति […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय इतिहास के महानायक, महान वीर और पराक्रमी वीर दुर्गादास राठौर

13 अगस्त वीर दुर्गादास राठौर जन्मतिथि पर       सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”    राजस्थान की सुनहरी धरती जोधपुर के निकट सालवा गांव में 13 अगस्त 1638 ईश्वी को दुर्गादास का जन्म हुआ। उनके पिता आसकरण जोधपुर राजा राजा पवन सिंह के खास सरदारों में से थे। दुर्गादास के पिता ने उन्हें उचित लालन – पालन हेतु शस्त्र एवं शास्त्रों […]

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