एक शंका है मन में ? क्या हिन्दू समाज बाल रूप का ही उत्सव मनाता रहेगा ? बाल गोपाल से बाहर निकल कर महाभारत के योगिराज धर् संस्थापक श्री कृष्ण तक पहुँचेंगे ? भगवान श्री कृष्ण ने तो समयानुसार संगीत, कुश्ती, युद्ध कला, राजनीति, कूटनीति, अष्टांग योग, गीता रहस्य, सुदर्शन चक्र चलाने और अंत में […]
Month: August 2024
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्। प्रश्न — गीता के उक्त श्लोक का अर्थ व भाव क्या है ? उत्तर– इस श्लोक को कुछ लोगों ने समझने में थोड़ी सी भूल की है। यहां श्री कृष्ण जी का कहने का तात्पर्य स्वयं को ईश्वर बताना नहीं है। उनका कहने का भाव यह […]
हमारे पूर्वज पिताओं अर्थात् पितरों ने दिव्य ज्ञान कैसे प्राप्त किया? हमें परमात्मा की पूजा अर्थात् ईश्वर भक्ति के मार्ग का अनुसरण क्यों करना चाहिए?अपने जीवन को पूर्ण और संरक्षित कैसे करें? प्र वो महे महि नमो भरध्वमाङ्गूष्यं शवसानाय साम। येना नः पूर्वे पितरः पदज्ञा अर्चन्तो अङ्गिरसो गा अविन्दन् ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.62.2 (कुल मन्त्र […]
राष्ट्र महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। वास्तव में महर्षि दयानंद का हम पर बहुत ऋण है। हम उनके ऋण से उऋण नहीं हो सकते । मुझे विधि व्यवसाय के दृष्टिकोण से इलाहाबाद (प्रयाग) जाने का अवसर अनेक बार जीवन में प्राप्त हुआ है। मैंने भारद्वाज ऋषि का […]
🦋🦋प्राचीन काल से ही दूध समस्त प्राणी जगत, विशेष कर मानव जाति है के लिए विशेष पेय रहा है! यह संपूर्ण आहार के साथ रसायन और जीवनीय भी माना गया है! जीवन और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व, विटामिन आदि तो दूध में विद्यमान रहते ही है! इसमें सैकड़ों प्रकार के एंजाइम, हार्मोन्स, […]
============ संसार में अनेक देश हैं जिनमें अपनी अपनी न्याय व्यवस्था स्थापित वा कार्यरत है। सभी देशों की न्याय व्यवस्थायें एक समान न होकर अलग-अलग हैं। भारत की न्याय व्यवस्था अन्य देशों से भिन्न प्रकार की है जिसका एक कारण भारत का अपना संविधान है। हमारे देश में वादों के निर्णय होने में वर्षों लगते […]
हम सभी के लिए यह बहुत अधिक प्रसन्नता का विषय है कि भारत रक्षा उपकरण निर्यात के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है । 2014 से पहले जिस भारत को दूसरे देशों से रक्षा उपकरण खरीदने की आवश्यकता पड़ती थी , आज वही इस क्षेत्र में तथाकथित बड़ी शक्तियों से प्रतिस्पर्धा कर रहा […]
पुस्तक चर्चा * (पवन वर्मा-विनायक फीचर्स) अपने पत्रकारिता जीवन के आरंभिक दौर में क्राइम रिपोर्टर के रूप में काम करते हुए मैंने अनेक बार महसूस किया कि अपराध की दुनिया में बहुत कुछ ऐसा होता है जो आधिकारिक रुप से सामने नहीं आता लेकिन यह छुपा हुआ सच बेहद रोमांचक होता है। पर्दे के पीछे […]
(शिवप्रकाश-विभूति फीचर्स) पुण्यश्लोका महारानी अहिल्याबाई होल्कर, का जीवन सादगीपूर्ण एवं शासन शैली संवेदनशील, सहज, धर्मनिष्ठ, न्यायप्रिय एवं लोक कल्याणकारी थीं। इन्हीं गुणों के कारण उनकी प्रजा उन्हें सदैव लोकमाता के रूप में देखती थी। उनके अप्रतिम गुणों को देखकर ब्रिटिश इतिहासकार जॉन केयस ने उन्हें “दार्शनिक रानी” ( The Philosopher Queen) की उपाधि दी । […]
राकेश प्रजापत अजमेर, राजस्थान देश के विकास में सभी नागरिकों की एक समान भागीदारी बहुत मायने रखती है. केवल शहरी और औद्योगिक क्षेत्र ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की भूमिका भी विकास में प्रमुख रूप से होती है. फिर चाहे वह कृषि क्षेत्र हो या लघु उद्योग, देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने में सभी […]