आंखों देखी/कानों सुनी ✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” कल मैं गुजरात प्रदेश की राजधानी गांधीनगर पहुंचा। गुजरात प्रदेश में सड़कों के दोनों ओर हरियाली और सुंदर पार्क देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा। गुजरात के लोग वास्तव में बेहद तरक़्क़ी पसंद और व्यापारिक उद्देश्यों को साधने वाले हैं। अगर किसी को यह देखना है कि भारतीय जनता पार्टी […]
Month: August 2024
श्रीकृष्ण (जन्माष्टमी पर विशेष) आइए श्री कृष्ण के महान चरित्र को जानकर हम भी अपने जीवन मे अपनाने का संकल्प लें। श्रीकृष्ण का महान व्यक्तित्व १.जुए के विरोधी:- वे जुए के घोर विरोधी थे। जुए को एक बहुत ही बुरा व्यसन मानते थे। जब वे काम्यक वन में युधिष्ठिर से मिले तो उन्होनें युधिष्ठिर को […]
============ हमें अपने धर्म व संस्कृति की शक्ति व सामथ्र्य का समय समय पर अध्ययन करते रहना चाहिये। हमारे सामने वर्तमान में मुख्य चुनौतियां क्या हैं?, इसका भी हमें ज्ञान होना चाहिये। हमारे धर्म व संस्कृति तथा इसके अनुयायियों के विरुद्ध देश व विश्व स्तर पर कहीं कोई साजिश तो नहीं हो रही है, इसका […]
जब रामचंद्र जी के साथ सभी दिव्य शक्तियों के सहयोग और संयोग की बात की जाती है तो उसका अभिप्राय यह समझना चाहिए कि न्याय, धर्म और सत्य जिसके साथ होता है, उसके साथ परमपिता परमेश्वर की शक्ति आशीर्वाद के रूप में सदा साथ बनी रहती है। प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सात्विक भाव के रूप […]
(दिनेश चंद्र वर्मा – विनायक फीचर्स) वृक्षों की सुरक्षा के प्रति हम आज जिस चिंता और जागरूकता का परिचय दे रहे हैं, कौटिल्य ने यह चिंता सैकड़ों वर्ष पूर्व व्यक्त की थी तथा अपने अर्थशास्त्र में लिखा है कि जो व्यक्ति विपत्ति के समय के अतिरिक्त यदि साधारण दशा में वृक्ष समूहों (वनों) को किसी […]
डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’ ईरान की राजधानी तेहरान में वहाँ के सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा दल, इस्लामी गार्डस की सुरक्षा में होने के बावजूद इज़राइल ने अपने सबसे बड़े शत्रु हमास के चीफ़ इस्माइल हानिया को सटीक हमले में जिस तरह मार गिराया, उससे पूरी दुनिया सकते में आ गई है। इस हमले ने एक बार फिर […]
– सुरेश सिंह बैस शाश्वत कहते हैं जब जब धरती पर अत्याचार और पाप बढ़ जाते हैं ,अधर्म का बोलबाला बढ़ जाता है। तब तब अवतारी पुरुष इस धरा पर जन्म लेते हैं, और वे ही पृथ्वी पर हो रहे अत्याचारों और पाप को खत्म करते हैं, धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश […]
(देवी-सम्पद की महिमा:-) अहमन्यता के कारणै, पाले बहुत हैं भ्रम । दैवी – सम्पद के बिना, नहीं मिलेगा ब्रह्म॥2710॥ तत्त्वार्थ :- भक्ति के मार्ग दो बढ़ी बाधाएँ हैं- पहली है अद्धेष्टा होना अर्थात् द्वेष रहित होना, और दूसरी अहमन्यता का होना अर्थात् अहम्का होना,अपने को निमित्त नहीं कर्ता समझना। इस छोटी सी चूक से सारे […]
अरब सागर में डूबी पुरातन द्वारका
आचार्य डॉ.राधेश्याम द्विवेदी भारत से सटा समुद्रअपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। समुद्र के नीचे आज भी ऐसी कई साइट्स दबी हुई हैं जिनके बारे में कम लोगों को जानकारी है। कुछ वर्षों पहले एक ऐसी ही जगह की खोज हुई थी जिसके बारे में हर कोई हैरान था। ऐसी ही है गुजरात […]
(राकेश अचल-विभूति फीचर्स) सामंतों के जमाने में चारण और भाट हुआ करते थे । कलिकाल में मैं चारण और भाटों को एक जाति के रूप में नहीं बल्कि एक ख़ास विधा के कलाकार के रूप में मान्यता देता आया हूँ ।ये दोनों प्रजाति के लोग कवि हृदय होने के साथ-साथ ही मौखिक इतिहास लेखक भी […]