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राजनीति

राहुल गांधी की ओच्छी राजनीति और देश का भविष्य

ललित गर्ग – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में राहुल गांधी जिस तरह की बातें कह एवं कर रहे हैं, निश्चित ही यह उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को ही दर्शा रहा है, वे लगातार विभाजनकारी राजनीति को प्रोत्साहन देते हुए भूल जाते हैं कि उनके ऊपर देश को तोड़ने नहीं, जोड़ने की जिम्मेदारी है। प्रश्न […]

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आतंकवाद भयानक राजनीतिक षडयंत्र

यह धर्मांतरण नहीं बल्कि धर्म को नष्ट करने की प्रक्रिया है

मनोज ज्वाला हिन्दुओं के ‘यीसाईकरण’ अथवा ‘इस्लामीकरण’ को उनका धर्मान्तरण कहना षड्यंत्रकारी धूर्त्तता और घोर मूर्खता है ; क्योंकि हिन्दू समाज धर्मधारी होता है और क्रिश्चियनिटी , अर्थात ‘यीसाइयत’ एक रिलीजन है, तो इस्लाम भी एक मजहब है । इन दोनों में से ‘धर्म’ कोई नहीं है , तो जाहिर है कि धर्मधारी लोगों को […]

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समाज

हैवानियत और बर्बरता का नया उदाहरण यशश्री शिन्दे हत्याकांड*

(मनोज कुमार अग्रवाल -विनायक फीचर्स) देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में निर्भया जैसा एक और वीभत्स हत्याकांड सामने आया है ।यह हत्याकांड निर्भया हत्याकांड से भी अधिक दिल दहलाने वाला है क्योंकि इस हत्याकांड के पार्श्व में लवजिहाद है और एक जमानत पर छूटे पॉक्सो के अपराधी ने पीड़िता लड़की की नृशंस हत्या की है। […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम : अध्याय 28, रावण के गुप्तचर और श्रीराम

इसी समय शुक और सारण नाम के दो गुप्तचर फिर रामचंद्र जी की गुप्त सूचनाओं लेने के लिए आ गए। रामचंद्र जी ने इस बार फिर अपनी उदारता का परिचय दिया और उनसे बड़े प्यार से कह दिया कि यदि आप सफल मनोरथ हो गए हो तो ससम्मान अपने देश लौट जाओ। वास्तव में रामचंद्र […]

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भारतीय संस्कृति

ओ३म् “ऋषि दयानन्द ने मत-मतान्तरों की परीक्षा कर वेदानुकूल  सत्य के ग्रहण का सिद्धान्त दिया”

  –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।   ऋषि दयानन्द ने अपने ज्ञान व ऊहा से वेदों को सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों को सर्वव्यापक परमात्मा से प्राप्त सत्य ज्ञान के ग्रन्थ स्वीकार किया था। इस सिद्धान्त व मान्यता की उन्होंने डिण्डिम घोषणा की है। इसके पक्ष में उन्होंने उदाहरणों सहित अनेक तर्क युक्त बातें विस्तार […]

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आज का चिंतन

सलाह या सुझाव देने का अधिकार किसको है ?

सलाह देना या सुझाव देना परोपकार का कार्य है। यह भी एक प्रकार की समाज सेवा है। “परन्तु सलाह या सुझाव देने का अधिकार सबको नहीं है।” किसी को सुझाव देने का अर्थ होता है, “उसकी बुद्धि को अपनी बुद्धि से कम समझना, और अपनी बुद्धि को उसकी बुद्धि से अधिक समझना।” जब व्यक्ति ऐसा […]

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आज का चिंतन

हमारी आत्मा किस प्रकार मन की वृत्तियों का नाश करने के योग्य हो सकती है?

आध्यात्मिक मार्ग पर शुद्ध भोजन का क्या महत्त्व है? अस्येदु मातुः सवनेषु सद्यो महः पितुं पपिवांचार्वन्ना। मुषायद्विष्णुः पचतं सहीयान्विध्यद्वराहं तिरो अद्रि मस्ता ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.61.7 (कुल मन्त्र 701) (अस्य इत् उ) निश्चय से यह उसके लिए है (परमात्मा के लिए) (मातुः) निर्माता के लिए (सवनेषु) निर्माण करने के लिए (उसके प्रकाश को गहरे हृदय […]

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खेल/मनोरंजन

ओलंपिक खेलों में भारत की गौरवपूर्ण उपस्थिति और उपलब्धि

– ललित गर्ग- एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों की तब मिट्ठियां तन गयी, यकीनन ये गर्व के क्षण हैं, जब मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने ओलम्पिक में पदक दिलाये। 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्द्धा का कांस्य पदक कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड को समेटे हुए है। 28 जुलाई को 10 मीटर एयर पिस्टल […]

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महत्वपूर्ण लेख

लव जिहाद पर योगी सरकार का महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय : होंगे दूरगामी परिणाम

-डॉ. सौरभ मालवीय गाजियाबाद ( ब्यूरो डेस्क ) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर जनहित में बड़े एवं ऐतिहासिक निर्णय ले रहे हैं। इसी कड़ी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन एवं लव जिहाद के विरुद्ध नए विधेयक को पारित करवाकर एक और इतिहास रच दिया है। इसमें अतिशयोक्ति नहीं है कि जब से […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “मनुष्य धर्मानुसार तथा सत्य असत्य को विचार कर ही आचरण करें”

============ परमात्मा ने मनुष्य को सबसे मूल्यवान् वस्तु उसके शरीर में बुद्धि के रूप में दी है। बुद्धि से हम ज्ञान को प्राप्त कर उसके अनुसार आचरण करते है। जिस मनुष्य की बुद्धि जितनी विकसित व शुद्ध होती है, वह उतना ही अधिक ज्ञानी कहा जाता है। सत्य ज्ञान के अनुरूप आचरण करना ही मनुष्य […]

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