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इतिहास के पन्नों से

1775 में ही पड़ गई थी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव*

(वेद अग्रवाल- विभूति फीचर्स) भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास जब-जब लिखा जाएगा, तब-तब 10 मई 1875 का दिन बड़ी श्रद्घा एवं सम्मान के साथ अंकित किया जाएगा। इस दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम चिंगारी मेरठ की ब्रिटिश सेना की बैरकों में फूटी थी। वैसे भारत के इस स्वतंत्रता संग्राम की नींव तो 1775 में ही […]

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इतिहास के पन्नों से

अखंड भारत स्मृति दिवस पर विशेष… अखंड भारत ही बनेगा विश्व गुरु

सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जब कहीं से भी देश को तोडऩे की बात आती है तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रतिकार भी जबरदस्त तरीके से होता है। यह प्रतिकार निश्चित रूप से उस राष्ट्रभक्ति का परिचायक है, जो इस भारत देश को देवभूमि भारत के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रमाण प्रस्तुत करने का अतुलनीय […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

देश और धर्म की रक्षा के लिए अविस्मरणीय है सिखों की कुर्बानी*

(नेहा बग्गा-विनायक फीचर्स) जब देश और धर्म के लिए जान देने की बारी आती है, तो सच्चा सिख कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता। देश को आजादी दिलाने से लेकर देश की सुरक्षा करने तक सबसे ज्यादा बलिदान भी सिखों ने दिया है। सिख गुरुओं के उपदेश और उनके बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता। […]

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आओ कुछ जाने

स्वाधीन भारत और आजादी के मायने

डॉ. सत्यवान सौरभ आज़ादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि भारत को विकसित बनाने के लिए हमें पांच प्रमुख क्षेत्रों में पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम करने की जरूरत है। इनमें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा व स्वास्थ्य सुरक्षा, सूचना व संचार तकनीक, भरोसेमंद इलेक्ट्रॉनिक पॉवर, महत्वपूर्ण तकनीक में आत्मनिर्भरता। ये पांचों […]

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विदेशी भूमि पर भी लड़ी गई भारत की आजादी की लड़ाई*

(संतोष कुमार शुक्ल – विनायक फीचर्स) हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिकारों की लड़ाई का इतिहास काफी विस्तृत, अनूठा और पूराना है। इसके स्वरूपों में समय-समय पर परिवर्तन होते रहे हैं। 1757 में ईस्ट इंडिया कम्पनी का व्यापार जमने के बाद के कुछ वर्षों में तोकोई हलचल नहीं हो सकी, परन्तु फिर कम्पनी और अधिकारियों के […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतीय इतिहास का प्रथम जौहर !

सिंध के शासक राजा दाहर और मुहम्मद बिन कासिम के बीच पांच दिन का निर्णायक युध्द 16 जून 722 ईस्वी से शुरु हुआ । सिंध इतिहास के प्रसिध्द ग्रंथ चचनामा में इसका विस्तार से वर्णन है । युध्द के पांचवें दिन 20 जून 722 को दाहर अपने दो पुत्रों जैसिया , धरसिया और एक लाख […]

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इतिहास के पन्नों से

लेख माला “वे पंद्रह दिन” प्रशांत पोळ , 8 अगस्त 1947

प्रशांत पोळ 8 अगस्त 1947 के दिन वेंकटाचार ने जोधपुर रियासत को पकिस्तान में जाने से बचा लिया शुक्रवार आठ अगस्त…. इस बार सावन का महीना ‘पुरषोत्तम (मल) मास’ हैं. इसकी आज छठी तिथि हैं, षष्ठी. गांधीजी की ट्रेन पटना के पास पहुंच रही है. सुबह के पौने छः बजने वाले हैं. सूर्योदय बस अभी […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के देसी नरेश और स्वाधीनता आंदोलन

जब देश की आजादी का आंदोलन चल रहा था तो अक्सर राजाओं के बारे में यह प्रश्न हमारे मन मस्तिष्क में आता रहता है कि उस समय देशी राजाओं की स्थिति क्या थी ? वे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग ले रहे थे या कहीं कुछ और कर रहे थे ? आज इसी तथ्य […]

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पर्व – त्यौहार

विलुप्त हो रहे भारत के पर्व और त्यौहार

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी भारत त्योहारों का देश है और हर महीने कोई न कोई त्योहार पड़ता रहता है ,कुछ राष्ट्रीय पर्व है कुछ हिन्दू धर्म के सांस्कृतिक पर्व ,सभी त्योहारों को ग्रामीण महिलाएं उत्साह उमंग से मनातीं आई हैं,पर अब कुछ त्योहारों में शिक्षित महिलाओं का ध्यान कम जा रहा है। भारत एक ऐसा […]

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इतिहास के पन्नों से

2023 में स्वाधीनता दिवस पर क्या बोली थीं देश की राष्ट्रपति ?

राष्ट्रपति का भाषण, 2023 मेरे प्यारे देशवासियो, देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को मेरी हार्दिक बधाई! यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह प्रसन्नता और गर्व की बात है कि कस्बों और गांवों में, यानी देश […]

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