#डॉविवेकआर्य राजस्थान के करौली जिले में कैला देवी मंदिर है। इस मंदिर में आज से कुछ दशक पहले धर्म के नाम पर भैंसे-बकरों की बलि दी जाती थी। अज्ञानियों द्वारा किया जाने वाला यह कृत्य न तो धर्म अनुकूल था न ही शास्त्रों के अनुकूल था। फिर भी परम्परा के नाम पर इस अन्धविश्वास […]
महीना: जुलाई 2024
सुनीता बैरवा जयपुर, राजस्थान पिछले हफ्ते राजस्थान सरकार ने 2024-25 का अपना बजट पेश किया. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की नई सरकार का यह पहला पूर्णकालिक बजट है. इसमें अगले पांच वर्षों की रूपरेखा के आधार पर नौकरी और आजीविका समेत अन्य बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने का लक्ष्य तय […]
बंदना कुमारी पटना, बिहार “आज भी हमलोग को यहां पीने का पानी भरने के लिए सुबह सुबह नल पर लाइन लगाना पड़ता है. अगर ज़रा देर हो जाती है तो अपना नंबर आते आते पानी चला जाता है. अगर किसी दिन सुबह बिजली चली गई तो फिर पानी मिलना मुश्किल हो जाता है. सारा दिन […]
उधर रावण भी अब भली प्रकार यह समझ गया था कि जिस राम को वह केवल एक वनवासी मान कर चल रहा था वह कोई हल्का-फुल्का व्यक्ति नहीं है। उसके पास आध्यात्मिक शक्ति भी है, साथ ही साथ बौद्धिक शारीरिक और सैनिक बल में भी वह कम नहीं है। उसके द्वारा भेजे गए हनुमान […]
✍🏻 लेखक – पदवाक्यप्रमाणज्ञ पण्डित ब्रह्मदत्तजी जिज्ञासु प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ सायणाचार्य से पूर्व उपलब्ध होनेवाले स्कन्द, दुर्ग आदि के वेदभाष्यों तथा सायणाचार्य के भाष्य में बहुत अधिक भेद नहीं, किन्तु सायण से पूर्ववर्ती भाष्यकारों तक वेदार्थ की विविध (आध्यात्मिक, आधिदैविक, आधियज्ञ) प्रक्रिया पर्याप्त मात्रा में रही। याज्ञिक प्रक्रिया का शुद्ध स्वरूप बना रहता, तब […]
======== श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन देश के आर्य व हिन्दू बन्धु श्रावणी पर्व को मनाते हैं। वैदिक धर्म तथा संस्कृति 1.96 अरब वर्ष पुरानी होने से विगत दो ढाई हजार वर्ष पूर्व उत्पन्न अन्य सब मत-मतान्तरों से प्राचीन है। वैदिक धर्म के दीर्घकाल के इतिहास में लगभग पांच हजार वर्ष हुए महाभारत युद्ध […]
#डॉविवेकआर्य स्वामी भद्राचार्य जी का एक वीडियो प्रचारित हो रहा हैं। भद्राचार्य जी ने स्वामी दयानन्द जी पर अनावश्यक टिप्पणी करते हुए कहा कि स्वामी जी ने रामायण और महाभारत को काल्पनिक बताया हैं। भद्राचार्य जी का कहना है कि श्री राम और श्री कृष्ण जी का वेदों में वर्णन हैं। भद्राचार्य जी ने यह […]
========== मनुष्य का जन्म आत्मा की उन्नति के लिये होता है। आत्मा की उन्नति में गौण रूप से शारीरिक उन्नति भी सम्मिलित है। यदि शरीर पुष्ट और बलवान न हो तो आत्मा की उन्नति नहीं हो सकती। आत्मा के अन्तःकरण में मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार यह चार अवयव व उपकरण होते हैं। इनकी उन्नति […]
(डॉ. राघवेन्द्र शर्मा-विनायक फीचर्स) भारत के लिए यह गौरव का विषय है कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यह भी सर्वविदित है कि दुनिया में हमारे देश को मदर ऑफ डेमोक्रेसी अर्थात लोकतंत्र की जननी भी कहा जाता है। जाहिर है इसका श्रेय हमारी सामाजिक व्यवस्था और जागरूक अवस्था को जाता है। यही […]
(विवेक रंजन श्रीवास्तव – विनायक फीचर्स) मनुष्य प्रकृति की अनुपम कृति है। मनुष्य मूलत: बुद्धि जीवी प्राणी है। स्वाभाविक है कि मनुष्य की प्रयोगवादी प्रवृति के चलते उसे स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई खतरों और बीमारियों का सामना करना पड़ता रहा है। यहीं चिकित्सा का प्रारंभ होता है। प्राकृतिक चिकित्सा सर्वप्रथम औषधीय प्रयास है। […]