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विशेष संपादकीय

मेरी नई पुस्तक : मेरे मानस के राम – अध्याय 7 : चरण पादुका लिए भरत अयोध्या लौट आए

भरत अपने भाई रामचंद्र जी की चरण पादुका लेकर वन से अयोध्या धाम लौट आए। तब उन्होंने फिर एक उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने निर्णय लिया कि जिस प्रकार उनके भाई रामचंद्र जी इस समय वनों में रह रहे हैं, वे स्वयं भी इसी प्रकार राज भवन से दूर नंदीग्राम में निवास करेंगे। वहां पर उन्होंने […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द का भक्तिवाद

सामान्यतः यह धारणा है कि आर्यसमाज के प्रवर्तक महर्षि दयानन्द के ग्रन्थों में शुष्क तर्क अधिक है; वहाँ भक्ति का अभाव है। पर वास्तविकता यह है कि भक्ति और ईश्वरोपासना से सम्बन्धित अनेक विशद विचार स्वामी जी के ऋग्वेदभाष्य, यजुर्वेदभाष्य, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, पँचमहायज्ञविधि, संस्कारविधि, सत्यार्थप्रकाश आदि सभी ग्रन्थों में यत्र-तत्र पाये जाते है। महर्षि दयानन्द ने […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वामी दयानंद और स्वामी विवेकानंद

डॉ विवेक आर्य तुलनात्मक अध्ययन कल मैंने स्वामी दयानंद की निर्भीकता को प्रदर्शित करने के लिए एक शंका प्रस्तुत की थी। अनेक मित्रों ने अपने अपने विचार प्रकट किये। सभी का धन्यवाद। मैंने यह प्रश्न क्यों किया? इस पर चर्चा करनी आवश्यक है। दोनों महापुरुषों के विचारों में भारी भेद हैं। इसलिए इस विषय पर […]

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आज का चिंतन

किसी ने मुझसे पूछा- हिंदू धर्म का केंद्र कहां है?

॥ॐ॥ मैं- केंद्र मतलब? जैसे मक्का इस्लाम का केंद्र है, वैसे ही वेटिकन शहर ईसाई धर्म का केंद्र है। तो हिंदू धर्म का केंद्र कहां है, किस स्थान पर है? मैंने कहा “अतीत में जिसने भी भारत पर हमला किया, वह हिंदू धर्म का केंद्र खोजने में असफल रहा। ताकि वह उस केंद्र को नष्ट […]

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राजनीति

असुविधा भरी सड़कों पर टोल टैक्स नागरिकों पर अत्याचार

– ललित गर्ग – बेहतर सेवाओं के नाम पर सरकारें कई तरह के शुल्क वसूलती है, इसमें कोई आपत्ति एवं अतिश्योक्ति नहीं है। लेकिन सेवाएं बेहतर न हो फिर भी उनके नाम पर शुल्क या कर वसूलना आपत्तिजनक एवं गैरकाूननी है। यह एक तरह से आम जनता का शोषण है, धोखाधड़ी है। राजमार्ग एवं अन्य […]

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धर्म-अध्यात्म

आत्मा शरीर में कहां रहता है? भाग 13

13वीं किस्त। बृहदारण्यक उपनिषद पृष्ठ संख्या 1145,1146 “जगत उत्पन्न होने से पहले प्रलय काल में प्रकृति गति शून्य और जड़ता पूर्ण हुआ करती है। जब ईश्वर गति देता है तो वह आंदोलित होकर विकृत हुआ करती है।(जिसको बहुत से विद्वानों ने महा विस्फोट का नाम दिया है) प्रकृति की असली हालत न रहने और महतत्व […]

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मुद्दा

गांव तक सड़क पहुंची मगर परिवहन की सुविधा नहीं

गोल्डी कुमारी गया, बिहार हमारे देश में पिछले कुछ दशकों में जिन बुनियादी ढांचों पर सबसे अधिक ज़ोर दिया गया है, उसमें सड़क प्रमुख है. वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के लांच होने के बाद से गांव के सड़कों की स्थिति में काफी सुधार आया है. इसका सीधा असर ग्रामीण जनजीवन और […]

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भारतीय संस्कृति

जैन मत समीक्षा* भाग ___ 15

* डॉ डी के गर्ग निवेदन : ये लेखमाला 20 भाग में है। इसके लिए सत्यार्थ प्रकाश एवं अन्य वैदिक विद्वानों के द्वारा लिखे गए लेखों की मदद ली गयी है। कृपया अपने विचार बताये और उत्साह वर्धन के लिए शेयर भी करें। भाग-15 जैन मत में गपोड़े और अंधविश्वास जैन धर्मग्रंथ कल्पभाष्य में लिखा […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरी नई पुस्तक : मेरे मानस के राम – अध्याय 6 : भरत का वन के लिए प्रस्थान

अगले दिन भरत जी के राज्याभिषेक की तैयारी का आदेश वशिष्ठ जी की ओर से जारी हुआ। विधि के अनुसार विद्वानों ने भरत जी का मंगल गान करना आरंभ कर दिया। जब भरत की को इसकी जानकारी मिली तो वह अत्यंत दु:खी हुए । उन्होंने स्वयं ने उस मंगलगान को रुकवा दिया। तब उन्होंने वशिष्ठ […]

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राजनीति

ओम बिरला का दोबारा स्पीकर बनना और देश की राजनीति

ललित गर्ग – ओम बिरला को दूसरी बार ध्वनिमत से 18वीं लोकसभा का नया स्पीकर चुना गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी उन्हें आसन तक लेकर पहुंचे। ध्वनिमत पर विपक्ष ने डिविजन की मांग नहीं की। ओम बिरला के नाम पर विपक्ष का विरोध न करना मोदी सरकार के लिए […]

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