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भारतीय संस्कृति

कपिल भगवान और गंगा सागर

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी ब्रह्मा पुत्र कर्दम से उत्तपत्ति:- कर्दम ऋषि ब्रह्मा जी के पुत्र थे, ब्रह्मा जी ने इनको आदेश दिया सृष्टि का कार्य आगे बढाओ। कर्दम ऋषि जन्मजात विरक्त थे । वे भगवान के प्रेमी और पिता के आज्ञाकारी थे। उनका गृहस्थाश्रम में जाने का मन नहीं था पर पिता की आज्ञा को […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

उत्तरप्रदेश की बहुसंख्यक आबादी बहुत जल्द अल्पसंख्यक हो जाएगी- माननीय उच्च न्यायालय

✍️मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपनी एक बेहद महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि- “जिस प्रकार से धर्मांतरण किया जा रहा, यदि इसी गति से धर्मांतरण होता रहा तो इस देश की बहुसंख्यक आबादी बहुत जल्द अल्पसंख्यक हो जाएगी.” यह टिप्पणी न्यायमूर्ति श्री रोहित रंजन अग्रवाल ने धर्मांतरण […]

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आओ कुछ जाने

“*अद्भुत अरण्य अमेजन*”

55 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला अमेजन का वर्षावन दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन है ।जो दक्षिण अमरीका महाद्वीप की 40% भूमि में फैला हुआ है। यह इतना विशाल है ब्रिटेन जैसे 17 देश इसमें समा जाएंगे। इस महावन में 40000 प्रजातियों के 4 अरब के लगभग वृक्ष पाए जाते हैं। जिनके विषय में कहा […]

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भारतीय संस्कृति

जैन मत समीक्षा* –भाग ____१९

Dr DK Garg निवेदन : ये लेखमाला 20 भाग में है। इसके लिए सत्यार्थ प्रकाश एवं अन्य वैदिक विद्वानों के द्वारा लिखे गए लेखों की मदद ली गयी है। कृपया अपने विचार बताये और उत्साह वर्धन के लिए शेयर भी करें। जैन धर्म में मोक्ष्य और त्याग जैन धर्म ने स्वयं को मुख्य रूप से […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

मेरे मानस के राम – अध्याय 10 : शूर्पनखा की नाक काटना और सीता हरण

इसी वन में रहते हुए लंका के रावण की बहन शूर्पनखा से श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण जी का सामना होता है। एक दिन वह राक्षसिन स्वयं ही उनके आश्रम में आ पहुंचती है। वह श्री राम और लक्ष्मण को देखते ही उन पर आसक्त हो गई। तब वह काम भावना से प्रेरित होकर […]

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स्वर्णिम इतिहास

अफगानिस्तान का हिंदू वैदिक अतीत – राजा जयपाल का अफगानिस्तान

जिन लोगों ने हिंदू इतिहास के उज्ज्वल पृष्ठों को अथवा काल को अथवा स्मारकों को ‘भारतीय इतिहास से लुप्त करने का या उन्हें कम महत्त्व देने का प्रयास किया है, उनके ऐसे घृणित प्रयास के पीछे एकमात्र कारण यह है कि इस देश का इतिहास किसी भी प्रकार के राष्ट्रीय संकल्प से हीन करके प्रस्तुत […]

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विविधा

विकास कार्यो की पोल खोलता बरसात का पानी

(राकेश अचल-विभूति फीचर्स) बरसात का पानी देश में समान दृष्टि से निर्माण कार्यों में हुई धांधली की पोल खोलता है । बरसात का पानी जो भी करता है दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करता है। बरसात का न किसी गंठबंधन के साथ तालमेल है और न कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम। बरसात तो आती है और […]

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आज का चिंतन

ओ३म् “धार्मिक, सामाजिक अंधविश्वासों व पाखण्डों का कारण अविद्या है”

============ हमारे देश में अनेक प्रकार के धार्मिक व सामाजिक अन्धविश्वास एवं पाखण्ड प्रचलित हैं। इन अन्धविश्वासों एवं पाखण्डों का कारण देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तरों की अविद्या है। इस अविद्या के कारण अनेक प्रकार की कुरीतियां भी प्रचलित हैं और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न होने सहित किन्हीं दो समुदायों में हिंसा भी होती रहती है। […]

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आर्थिकी/व्यापार

चक्रीय अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकॉनामी) की आवश्यकता क्यों?

हिंदू सनातन संस्कृति हमें सिखाती है कि आर्थिक विकास के लिए प्रकृति का दोहन करना चाहिए न कि शोषण। परंतु, आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में पूरे विश्व में आज प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर प्रकृति से अपनी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति बहुत ही आसानी से की […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति 336 वैदिक आर्यों की सभ्यता,चेतन सृष्टि का पारस्परिक सम्बन्ध

(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गताक से आगे … चेतन सृष्टि का पारस्परिक सम्बन्ध जिस प्रकार प्राणियों का जड़ सृष्टि के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध है, उसी प्रकार उनका आपस में […]

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